जूनागढ़ परिसर स्थित स्मारक स्थल पर हुई सभा और कई कार्यक्रम
बीकानेर। बीकानेर रियासत के सेनापति जगरामजी राजपुरोहित की 279वीं पुण्य तिथि पर आज जूनागढ़ परिसर में उनके स्मारक स्थल पर पुष्पाजंलि सभा आयोजित की गई। इस अवसर पर शांतिपाठ, गणेश पूजा, अभिषेक, यज्ञ, पुष्पांजलि, प्रसाद एवं विचार गोष्ठी आदि कार्यक्रम किए गए।
धार्मिक अनुष्ठान पंडित सोहन महाराज के सानिध्य में सत्यनारायण महाराज, अखेसिंह मनणा, प्रह्लाद सिंह, रमेश सिंह, दुर्गादत्तसिंह देसलसर, भंवर सिंह, जगदीश सिंह, गोपाल सिंह, गोवर्धनसिंह रासीसर, जसवन्तसिंह कोटड़ी और सुखदेव जोशी आदि ने सम्पन्न कराया।
झुझार जगरामजी राजपुरोहित सेवा समिति के प्रचार मंत्री सुरेन्द्र सिंह कोटड़ी ने बताया कि विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर शैलेन्द्र देवड़ा ने जगरामजी के शौर्य को उजागर करते हुए कहा कि समाज को और हम सब को यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि जिसने अपने राज्य और राज्यि के स्वासमी के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए। हमें अपनी संस्कृ्ति से रूबरू कराने के लिए ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए जिससे युवा पीढ़ी की भागीदारी बनी रहे।
मुख्य अतिथि संवित सोमगिरि महाराज ने कहा कि धर्मपरायण व्यक्ति के चेहरे पर हमेशा चमक और मुस्कुराहट का बोध रहेगा। सेनापति वीर जगरामजी में अपना कर्तव्य बोध नहीं होता तो वे परहित में अपने को कुर्बान नहीं करते। जगरामजी ने अपनी शक्ति और शौर्य का प्रदर्शन अपने राज्य और राजा के प्रति ही नहीं सारी प्रजा के लिए किया था।
राजपुरोहित सभा संस्था के अध्यक्ष गुमानसिंह ने कहा कि हम समाज के युवाओं को वीर जगरामजी के जीवन से कर्तव्य और बलिदान की प्रेरणा को समझे। हमारी सभ्यंता, संस्कृति और भाईचारा ऐसे कार्यक्रमों के होने से हमारा समाज ही नहीं भारत की संस्कृति पूरा विश्व देखता है। पूर्वजों ने हमें जो जीवन जीने के संस्कार विरासत में दिए हैं उससे हमारे रिश्ते कायम रहते हैं।