आठवें डीजीपी जो पुलिसकर्मी को नहीं दिला सके वीकली ऑफ

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डीजीपी

फिर टूटी 80 हजार पुलिसकर्मियों की आस

बीकानेर। प्रदेश के 80 हजार पुलिसकर्मियों की आस फिर से टूटती हुई दिख रही है। कारण है कि डीजीपी कपिल गर्ग अब सेवानिवृत हो गए हैं, लेकिन यह डीजीपी भी वह काम नहीं कर सके जो इनसे पहले के सात डीजीपी करने में नाकाम रहे। मामला पुलिस के वीकली ऑफ से जुड़ा हुआ है। इस बार भी प्रदेश के पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ का इंतजार था, लेकिन डीजीपीकपिल गर्ग अपने किए वादे को पूरा नहीं कर सके। अब प्रदेश पुलिसकर्मियों को अगले डीजीपी से इसे लेकर उम्मीद है।

फीडबैक लिया, लेकिन नहीं मिला फायदा

डीजीपी कपिल गर्ग के इस साल जनवरी में कार्यभार संभाला था, उसके बाद से अब तक करीब तीन बार पुलिसकर्मियों को और जिलों के पुलिस अधीक्षकों से वीकली ऑफ को लेकर फीडबैक भी लिया। इस बार तो जिलों के पुलिस अधीक्षक ने कई बार जिलों के पुलिसकर्मियों से व्यक्तिगत मिलकर बातचीत भी की थी। सभी जिलों से पुलिस अधीक्षकों ने वीकली ऑफ दिए जाने के पक्ष में रिपोर्ट भी भेजी, लेकिन उसके बाद भी यह काम अटक गया। हालांकि पिछले छह महीनों में भीलवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर जिले में एक-एक पुलिस थाने में 7 और 15 दिन में एक बार वीकली ऑफ देने की कार्रवाई जरूर शुरू की गई है।

ये नावाचार किए डीजीपी गर्ग ने

डीजीपी कपिल गर्ग के कार्यकाल को सबसे ज्यादा नवाचार करने वाले डीजीपी के कार्यकाल के रूप में जाना जाएगा। डीजीपीने छह महीने के दौरान ही कई नवाचार किए हैं। जनता को फायदा देने के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एफआईआर और परिवादों को अब सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट में चढ़ाने के नवाचार गर्ग ने किए हैं। एसपी कार्यालय में एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और परिवादों को सीसीटीएनएस सिस्टम में चढ़ाने की प्रक्रिया को एक जुलाई से शुरू किया जाना है।

पहले भी उठा है यह मुद्दा

दरअसल, पुलिसकर्मियों के वीकली ऑफ को लेकर वर्ष-2004-05 में मांग उठी थी। उसमें करीब 50 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी प्रदेश में तैनात थे और उन्होंने तत्कालीन डीजीपी रहे एएस गिल से मिलकर अपना पक्ष रखा था। डीजीपी ने इसे जायज माना था। हालांकि चार साल तक डीजीपीगिल पद पर रहे लेकिन साल 2008 तक वे इस मुद्दे को पूरा नहीं कर सके। उनके बाद केएस बैंस, हरीशचंद्र मीणा, ओमेंद्र भारद्वाज, मनोज भट्ट, अजीत सिंह, ओपी गिल्होत्रा डीजीपीरहे। हर डीजीपीने इस मांग को जायज बताया और जिले के पुलिस अधीक्षकों से कई बार इसे लेकर फीडबैक भी लिया लेकिन पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ नहीं मिल सका।

 

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