सुजानदेसर क्षेत्र में बन गई हैं गंदे पानी की कई झीलें

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सुजानदेसर

प्रशासन को दिया सुझाव कि गंदे पानी को फिल्टर करके इलाके में हरियाली के लिए किया जा सकता है उपयोग।

बीकानेर। सुजानदेसर क्षेत्र मे गंदे पानी की समस्या से निजात दिलाने की मांग को लेकर आज भागीरथ नंदिनी संस्थान के लोगों ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों का ज्ञापन जिला कलक्टर को सौंपा।

संस्थान के मिलन गहलोत ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि क्षेत्र में गंदे पानी की 5 झीलें बनी हुई हैं। जिसके चलते आस-पास इलाके में गंदगी का आलम है। इतना ही नहीं गंदे पानी की झीलों और पसरी हुई गंदगी में मच्छर पनप रहे हैं। पिछले कई वर्षों में इस गंदगी की वजह से क्षेत्र में महामारी भी फैल चुकी है। बरसात के दिनों में तो यहां हालात और भी बदतर हो जाते हैं। गंदे पानी की इन झीलों का समाधान करने के लिए कई बार क्षेत्रवासियों ने सरकार और प्रशासन से गुहार भी लगाई है। सरकार के मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी कई बार इस क्षेत्र का दौरा भी कर चुके हैं। इन सबके बावजूद इस समस्या का निजात नहीं किया गया है।

उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन को सुझाव भी दिया कि इस पानी को फिल्टर करके सुजानदेसर में तथा उसके आसपास 11 हजार बीघा गोचर भूमि में दिया जा सकता था है, जहां इस पानी से पेड़ और घास लगाई जा सकती है। जिससे शहर के गोवंश को भोजन मिलेगा और शहर में आवारा गोवंश से भी निजात मिल सकती है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से उम्मीद जताई कि वे इस समस्या के समाधान के लिए उनके सुझाव पर गौर करेंगे।

ज्ञापन देने वालों में मन्नू सेवग, तुलसीराम गहलोत, आज्ञाराम सुथार, लक्ष्मी तंवर, संतोष परिहार, भागीरथ नंदिनी की महासचिव विकी सैनी, संगीता शेखावत, सतनाम कौर, भारती अरोड़ा, प्रवीण, बाबूलाल उपाध्याय सहित कई जने शामिल रहे।

 

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