नि:शुल्क दवा व जांच योजना का दायरा बढ़ाने की कवायद शुरू

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नि:शुल्क दवा योजना

बजट घोषणा के अनुसार छह सौ नए दवा केन्द्र खोले जाएंगे, नि:शुल्क जांचों की संख्या भी बढ़ेगी।

बीकानेर। प्रदेश के सभी स्तर के अस्पतालों में अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना व नि:शुल्क जांच योजना का दायरा बढ़ाने की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने इसके निर्देश संबंधित अधिकारियों को दे दिए हैं।

गौरतलब है कि 2 अक्टूबर (महात्मा गांधी जयंती), 2011 को प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नि:शुल्क दवा योजना शुरू की थी। इसके बाद वर्ष-2013 में 7 अप्रेल (विश्व स्वास्थ्य दिवस) पर नि:शुल्क जांच योजना शुरू कर प्रदेशवासियों को राहत देने की कोशिश की थी। वर्ष-2013 के अंतिम महीनों में प्रदेश में सत्ता बदल गई और शासन भाजपा सरकार के पास आ गया। भाजपा सरकार के शासन में भी यह योजना लागू रखी गई लेकिन इन दोनों योजनाओं के फलीभूत होने में काफी उतार-चढ़ाव आते रहे।

मेडिकल कॉलेजों में होंगी 90 नि:शुल्क जांचें

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने नि:शुल्क जांच योजना का दायरा बढ़ाते हुए मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध अस्पतालों में 70 से बढ़ाकर 90, जिला व समकक्ष अस्पतालों में 56 से बढ़ाकर 71, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 37 से बढ़ाकर 44, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 15 से बढ़ाकर 36 और उपस्वास्थ्य केन्द्रों में पांच नि:शुल्क जांचें करवाना प्रस्तावित किया है।

मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत नि:शुल्क उपलब्ध करवाए जाने वाली आवश्यक दवा सूची में कैंसर की 11 दवाओं के साथ ही किडनी, हार्ट सहित अन्य गंभीर बीमारियों में काम आने वाली 43 दवाओं को शामिल करने का विशेषज्ञ चिकित्सकों से अनुमोदन मिला है। साथ ही 30 प्रकार के इंजेक्टेबल और 15 प्रकार के सर्जिकल व सूचर्स जोडऩे का अनुमोदन भी मिला है। बजट घोषणा की अनुपालना में 6 सौ नए दवा वितरण केन्द्र खोले जाएंगे। इनके अलावा 156 अन्य दवा वितरण केन्द्र खोले जाने भी प्रस्तावित किए गए हैं।

नि:शुल्क सीटी स्केन जांच के निर्देश

जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों के साथ ही जिला व अन्य समकक्ष अस्पतालों में भर्ती मरीजों को नि:शुल्क सीटी स्केन जांच सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश भी सरकार ने जारी किए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डिजीटल एक्स रे, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में थ्रीपार्ट सेल काउन्टर, ऑटो एनालाइजर व ईसीजी, उपस्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक पांच जांच सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

 

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