तीन मामले आए सामने, तीनों में प्रेमी की रही भूमिका
बीकानेर। शादी कर दो से पांच दिनों में ही नगदी जेवर लेकर फरार होने लुटेरी दुल्हनों के बाद अब शादी से पहले या शादी के तुरंत भागती दुल्हनों से पुलिस महकमा काफी परेशान है। पिछले बीस दिनों में ही प्रदेश में ऐसे तीन मामले सामने आए हैं जिसमें पुलिस को इतनी भागदौड़ करनी पड़ी कि हत्या जैसे मामलों में नहीं करनी पड़ती। तीनों मामलों में जब भागदौड़ के बाद मामला पूरा होने लगा तो सामने आई दुल्हनों और उनके प्रेमियों की भूमिका।
सबसे बड़ी बात यह है कि इस तरह की परेशानी से बचने के लिए करीब छह महीने पहले प्रदेश के डीजीपी कपिल गर्ग ने हर जिले में फोन नम्बर जारी किए हैं। ये फोन नम्बर पुलिस अधीक्षकों के पास हैं और इन नम्बर पर सम्पर्क करने के साथ ही बालिग प्रेमी जोड़ों को पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाती है।
दौड़ती रही पुलिस
पिछले बीस दिनों में ही प्रदेश में इस तरह के तीन मामले सामने आए हैं कि पुलिस तो पुलिस साथ ही समाज के लोग भी खासे परेशान हुए। दरअसल, पहले सीकर, फिर बांसवाड़ा और अब उदयपुर में शादी से तुरंत पहले या शादी के ठीक बाद दुल्हनों के अपहरण के मामले सामने आए। सीकर में दो बहिनों की शादी के बाद विदाई हुई और विदाई के ठीक बाद एक दुल्हन को कुछ लोग उठा ले गए। बवाल मचा, समाज के लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। पुलिस के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। यहां तक की इन्टरनेट भी बंद कर दिया गया। बाद में केस पर से पर्दा उठा तो सामने आया कि दुल्हन का अपहरण करने वाला उसका प्रेमी था।
इस केस के पांच दिनों बाद बांसवाड़ा में फेरों से ठीक पहले दुल्हन के जोड़े में ही दुल्हन फरार हो गई। परिजनों ने पुलिस को बताया कि दुल्हन का अपहरण हो गया। जांच हुई तो पता लगा कि दुल्हन अपने प्रेमी के साथ गई है। बाद में पुलिसने परिजनों से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने हामी भरी कि वह शादी नहीं करना चाहती थी।
अब उदयपुर में हुए बवाल के बाद पुलिस ने दुल्हन और उसके प्रेमी को जयपुर के केन्द्रीय बस स्टेण्ड पर से पकड़ लिया है। पुलिस का कहना है कि दुल्हन और उसके प्रेमी प्रियंक का काफी समय से कनेक्शन था। दुल्हन शादी नहीं करना चाहती थी और उसने पत्र लिखकर अपने परिजनों को बता दिया था।
हेल्पलाइन नम्बर नहीं साबित हो रहे मददगार
प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कपल सुसाइड के चलते करीब छह महीने पहले डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिसअधीक्षकों को आदेश दिया था कि वे एक हेल्पलाइन नम्बर जारी करें। इस नम्बर को प्रचार-प्रसार भी करें। नम्बर जारी हो गए लेकिन उनका प्रचार-प्रसार नहीं हो सका। नतीजा यह है कि कपल सुसाइड कैसेज तो लगातार बढ़ ही रहे हैं साथ ही अब दुल्हनों के अपहरण की कहानियां भी उठने लगी हैं। ये फोन नम्बर उन कपल्स के लिए हैं जो बालिग हैें और साथ रहना चाहते हैं। परिवार या समाज के लोग उसमें बाधक बनते हैं तो पुलिस सामाजिक और कानूनी तरीके से उनसे निपट सकती है।