व्हाट्सएप-फेसबुक ब्लॉक करने की कोशिशों में सरकार

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फेक न्यूज पर नियंत्रण और सुरक्षा को खतरे से बचाने के लिए है कवायद

बीकानेर। राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे से बचाने और फेक न्यूज पर नियंत्रण करने के लिए सरकार सोशल मीडिया एप्स जैसे व्हाट्स एप्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम को ब्लॉक करने के तरीकों पर विचार कर रही है।

इसके लिए सरकार ने टेलीकॉम कम्पनी और इन्टरनेट सर्विस (आईएसपी) सुझाव मांगे हैं। सरकार ने ऐसा करने पर उस समय विचार किया है जब व्हाट्सएप से लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ती जा रही है। भीड़ तंत्र में मारे गए ज्यादातर लोगों से जुड़ी अफवाह व्हाट्सएप के जरिए ही फैलाई गई थी।

सूत्रों के मुताबिक दूरसंचार विभाग फेक न्यूज अन्य मुद्दों पर दुनिया की बड़ी सोशल मीडिया कम्पनियों से भी बात कर सकता है। विभाग ने इस पर कम्पनियों से ऐसे तकनीकी तरीकों के बारे में पूछा है जिससे आईटी एक्ट धारा-69ए के तहत एप्स को ब्लॉक किया जा सके।

सरकार को भीड़ तंत्र की वजह से उच्चतम न्यायालय से कड़ी आलोचना का सामना तो करना ही पड़ा है साथ ही अब फेक न्यूज के जरिए 2019 के चुनावों को प्रभावित करने की बात भी कही जा रही है। इसी के तहत विभाग ने अब यह पहल शुरू की है।

इस बारे में उसने पिछले दिनों एक पत्र भी लिखा है जिसमें उसने कहा, ‘इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप व टेलीग्राम जैसे मोबाइल एप्स को इन्टरनेट पर कैसे ब्लॉक किया जा सकता है। आपसे एक संभावित विकल्प बताने की गुजारिश की जाती है।’

विभाग ने यह पत्र भारतीय एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, रिलायंस जियो, आइडिया सेल्युलर के अलावा टेलीकॉम और आईपीएस इंडस्ट्री से जुड़ी कम्पनियों को भेजा है। जिस कानून के तहत इन एप्स को ब्लॉक किया जाएगा उसमें कम्प्यूटर एप्लीकेशन के जरिए दी जा रही जानकारी को ब्लॉक करने के निर्देश अथार्रिटीज को दिए गए हैं।

कम्पनी से ऐसी राय मांगने के लिए विभाग की ओर से लिखा गया यह दूसरा पत्र है। इसी तरह का एक पत्र विभाग की ओर से करीब डेढ़ महीने पहले भी भेजा गया था। अभी तक किसी ने भी इस पत्र का जवाब नहीं दिया है।

जानकारी के अनुसार विभाग के अधिकारी के मुताबिक व्हाट्सएप ने भी परेशानी को कम करने के लिए किसी भी पोस्ट के फॉरवर्ड करने के क्रम को कम कर दिया है, लेकिन इतना काफी नहीं माना जा रहा है।

सरकार के पास ऐसे में इन्टरनेट सर्विस बंद करने का रास्ता बचता है लेकिन यह एक हल नहीं है। इसी कारण दूरसंचार विभाग इन एप्स को बंद करने पर विचार कर रहा है।

 

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