अभी तक 30 करोड़ रुपए, शराब, सोना-चांदी के आभूषण जब्त
बीकानेर। प्रदेश में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान जिस हिसाब से नकदी, अवैध शराब की तस्करी, नशे के सामान की जब्ती हो रही है, उससे साफ है कि लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए प्रत्याशी धनबल का सहारा लेने में पीछे हटने वाले नहीं हैं। हालांकि नेताओं के धनबल के गठजोड़ को तोडऩे के लिए निर्वाचन विभाग की छह सौ टीमें भी पूरी तरह से सक्रिय हैं और नकदी, अवैध शराब जैसे अन्य सामान को जब्त कर रही है जिससे मतदाताओं को प्रभावित किया जा सकता है। प्रदेश में आचार संहिता लगने के 34 दिनों के भीतर ही करीब 30 करोड़ रुपए की नकदी, शराब, नशे का सामान, सोने-चांदी के आभूषण जब्त किए जा चुके हैं।
मतदाताओं को प्रभावित करती है शराब
शहरों की बात छोड़ दे तो किसी भी चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने का सबसे आसान तरीका शराब है। चुनाव से ठीक पहले मतदाताओं को शराब बांट कर उनको प्रभावित करने की कोशिश की जाती है। निर्वाचन विभाग की टीमों ने अभी तक आठ करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध शराब जब्त कर चुकी हैं। नकदी और शराब की जब्ती से साफ है कि प्रत्याशी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अपना पूरा दमखम लगा रहे हैं।
सात करोड़ रुपए से ज्यादा की नशे की खेप जब्त
लोकसभा चुनाव से पहले टीमें नशे की खेप भी जब्त कर रही है। अभी तक सात करोड़ रुपए से ज्यादा की खेप जब्त की गई है। जानकारी के मुताबिक निर्वाचन विभाग की टीमों ने अभी तक नशे की लाखों गोलियां और हजारों किलो डोडा-पोस्त जब्त किया जा चुका है। चुनाव से पहले नेता महिला मतदाताओं को भी हरसंभव प्रभावित करने की कोशिशों में जुटे हैं।
टीमों ने चार करोड़ रुपए से ज्यादा की कीमत के सोने-चांदी के आभूषण भी जब्त किए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिला मतदाताओं के लिए नेता चुनाव में वोट लेने के लिए सोने-चांदी के आभूषण भी बांटते हैं, इसके साथ ही युवा मतादताओं को प्रभावित करने के लिए मोटरसाइकिल व अन्य महंगे गिफ्ट भी बांटे जाते हैं। निर्वाचन विभाग की टीमों ने सवा चार करोड़ रुपए से ज्यादा के मोटरसाइकिल और अन्य कीमती वस्तुएं जब्त की हैं।