सोशल मीडिया पर शेयर न करें बर्थ डेट और एनिवर्सरी

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साइबर क्राइम

बढ़ रहा है साइबर क्राइम, सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा

बीकानेर। इंटरनेट की दुनिया में अब अपराधों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है। साइबर क्राइम के मामले आए.दिन सामने आ रहे हैं। इन अपराधों को बढ़ावा इसलिए भी मिल रहा है क्योंकि हम खुद सावधानी नहीं बरत रहे हैं। साइबर अपराधों से बचने के लिए राजस्थान पुलिस विभाग ने आम जनता से कुछ जरूरी सावधानियां बरतने को कहा है।

राज्य के पुलिस विभाग के अनुसार इन दिनों सोशल मीडिया पर इन दिनों अपनी व्यक्तिगत जानकारियां जैसे अपना बर्थ डेट, वेडिंग एनिवर्सरी, मोबाइल नंबर, यहां तक की घर का पता भी, बेहिचक और बहुतायत रूप से शेयर की जा रही हैं। अपील है कि इन जानकारियों को सोशल साइट पर शेयर न करें।

सोशल साइट के संबंध में अपना यूजर आईडी और पासवर्ड किसी के साथ साझा ना करें। मोबाइल पर अगर ट्रयू कॉलर इंस्टॉल है और उस पर आपको कोई जानकारी प्राप्त होती है तो वह पूर्ण विश्वसनीय नहीं है। अपना पासवर्ड समय-समय पर परिवर्तित करते रहें। अपने अकाउंट में सुरक्षा से संबंधित टू स्टेप वेरीफिकेशन चालू रखें।

पुलिस के मुुुुताबिक अपरिचित व्यक्तियों के भेजे लिंक पर क्लिक ना करें। कम्प्यूटर में उपलब्ध डाटा हैकर या साइबर अपराधियों द्वारा चोरी या ब्लॉक किया जा सकता है। आपके बिना किसी ट्रांजेक्शन के मोबाइल पर अगर ओटीपी से संबंधित मैसेज आएं। आप से उसकी जानकारी फोन पर मांगे तो इसमें कोई शक नहीं कि आपका अकाउंट किसी ने हैक किया गया है।

अपना ओटीपी किसी से शेयर करने की गलती न करें। याद रखें कि बैंक कभी भी फोन पर अपने ग्राहकों से खातों से संबंधित जानकारी एवं एटीएम कार्ड के पिन या सीवीवी नंबरों की जानकारी नहीं पूछता है।

लॉटरी खुलने, इनाम निकलने, किसी चौरिटी ट्रस्ट में पैसे जमा करवाने के बारे में मिलने वाले मैसेज, ई-मेल या मोबाइल कॉल्स पर यकीन न करें। ज्यादा मुनाफे का लालच, लोन दिलाने के नाम पर कभी भी अन्य खातों में रुपए जमा करवाने की मांग नहीं की जाती है, अगर कोई ऐसा करता है तो वो फ्रॉड है।
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रहे हैं तो इतना याद रखें कि पेमेंट के बाद हमेशा अपने अकाउंट से लोग आउट चाहिए।

किसी के साथ भी अपना पासवर्ड शेयर ना करें। अपने अकाउंट पर पासवर्ड को कभी भी वेब ब्राउजर पर परमानेंट सेव ना करें।

ऑनलाइन प्रोजेक्शंस हमेशा सुरक्षित वेबसाइट एचटीटीपीएस से ही करें ना कि एचटीटीपी से। बीमा कंपनियां कभी बंद बीमा पॉलिसियों को चालू करने या उनके पैसे दिलाने की मांग नहीं करती है।

 

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