ठेकेदार ने जताई विवशता, बाद में आवारा पशुओं को पहुंचाया गया गोशाला
बीकानेर। नगर निगम प्रशासन और गोशाला संचालकों के बीच विवाद इतना बढ़ गया है कि आज ठेकेदार आवारा पशुओं को दो ट्रेक्टरों में भर कर कलक्टर कार्यालय पहुंच गया। काफी देर बाद प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए और कलक्टर कार्यालय के सामने खड़े आवारा पशुओं को गोशाला में भिजवाया।
दरअसल, शहरवासियों को आवारा पशुओं से निजात दिलवाने के लिए नगर निगम ने आवारा पशु पकडऩे और उन्हें गोशाला में ले जाने का काम ठेकेदार को दे रखा है। ठेकेदार पूनमचंद ने बताया कि नगर निगम प्रशासन और गोशाला संचालकों के बीच एमओयू को लेकर विवाद चल रहा है।
आज ठेेकेदार के कर्मचारियों ने शहर में आवारा घूम रहे 15 पशुओं को पकड़ा और उन्हें गोशाला ले गया लेकिन वहां गोशाला संचालकों ने आवारा पशु रखने से मना कर दिया। गोशाला संचालकों और निगम प्रशासन के विवाद के चलते ठेकेदार परेशान हुआ और वह आवारापशुओं से लदे अपने दोनों ट्रेक्टर लेकर कलक्टर कार्यालय पहुंच गया और प्रशासन से इन आवारा पशुओं को रखवाने के लिए स्थान बताने की मांग की।
हैरानी की बात तो यह है कि कलक्टर कार्यालय के सामने यह ठेकेदार दो ट्रेक्टरों में लदे 15 आवारापशुओं को लेकर खड़ा रहा लेकिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने उस पर तवज्जों देने की जहमत नहीं उठाई। काफी देर तक इंतजार करने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले में दखल किया और ठेकेदार को आवारापशुओं को लेकर गोशाला के लिए रवाना किया।
ठेकेदार के मुताबिक गोशाला संचालक पहले भी आवारा पशुओं को गोशाला में रखने से मना कर चुका है, इसके बावजूद नगर निगम के अधिकारी इस विवाद का समाधान नहीं कर सके हैं, जिसकी वजह से उसे बार-बार परेशानी झेलनी पड़ रही है।