तीन युवक गिरफ्तार, प्रदेश में सैंकड़ों लोगों के खाते से निकाले करोडों रुपए।
बीकानेर। कोटगेट थाना पुलिस ने अन्र्तराज्यीय एटीएम क्लोनिंग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन युवकों का गिरफ्तार किया है। तीनों युवक दिल्ली और बिहार के रहने वाले हैं। पुलिस ने आरोपियों केे पास से एक लैपटॉप भी बरामद किया है।
पुलिस अधीक्षक प्रदीपमोहन शर्मा ने आज मीडिया को बताया कि एटीएम क्लोनिंग कर लोगों के बैंक खातों से रुपए निकालने वाले ये शातिर नदीम पुत्र कलीम हासमी निवासी बलजीत नगर, नई दिल्ली का, भरत कुमार पुत्र राजराजेश्वरी कुशवाह निवासी नवादा, बिहार, मुकेश वर्मा पुत्र राजेन्द्र वर्मा निवासी गया बिहार के रहने वाले हैं। तीनों आरोपियों को उनके निवास स्थान से गिरफ्तार किया गया है। तीनों शातिर युवकों से गहनता से पूछताछ की जा रही है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिश जारी है।
इन्होंने कराया था मामला दर्ज
अमरचंद पुत्र खिंयाराम ने 19 जनवरी को नापासर पुलिस थाने में रिपोर्ट दी थी कि 3 जनवरी को केन्द्रीय बस स्टेण्ड के पास स्थित उसने एटीएम से रुपए निकालने के लिए कार्ड लगाकर ऑप्शन भरा तो मशीन में से रुपए नहीं निकले और मोबाइल पर रुपए निकलने का मैसेज आ गया।
उस दौरान एटीएम कक्ष में दो युवक खड़े थे। उसने उन दोनों को बताया कि रुपए मशीन से नहीं निकले और रुपए निकलने का मैसेज आ गया है। उन दोनों ने खुद कोशिश करने का कह कर उसका एटीएम कार्ड ले लिया और मशीन में डाल कर रुपए निकालने की कोशिश की थी। साथ ही उन्होंने अपना कार्ड भी एटीएम मशीन में डाला था।
फिर भी रुपए नहीं निकले तो वह वहां से चला गया था लेकिन 5 जनवरी रात आठ बजे उसके मोबाइल पर मैसेज आया जिसमें 40 हजार रुपए तीन बार में एटीएम कार्ड के जरिए निकालने का बताया गया था। ये रुपए पहाडग़ंज-दिल्ली से निकाले गए थे। पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच एसआई कन्हैयालाल को सौंप दी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने अति.पुलिस अधीक्षक शहर पवनकुमार मीणा, सीओ सिटी दीपक शर्मा के निर्देशन में तत्कालीन कोटगेट थाना अधिकारी वेदप्रकाश लखोटिया, एसआई कन्हैयालाल, हैड कानिस्टेबल रामचन्द्र, कांस्टेबल भागीरथ, साइबर सैल के कांस्टेबल दीपक यादव को लेकर एक टीम का गठन कर दिया।
ऐसे आए पकड़ में
टीम ने रिपोर्ट में बताए गए एटीएम कक्ष क सीसी कैमरे में आए फूटेज निकलवाए और उनका अध्ययन किया। तक दो एटीएम कक्ष में वारदात किए जाने और शहर में किसी होटल में रुकने की बात सामने आई।
पुलिस ने आरोपियों के द्वारा एचआर नम्बर की गाड़ी वारदात में उपयोग लेने की जानकारी सामने आने के बाद टोल प्लाजाओं पर फूटेज निकलवाकर उनका अध्ययन किया। सभी डिटेल पर गहनता से अध्ययन करने के दौरान होटल का पता लग गया तो पुलिस ने उस होटल का रजिस्टर चैक किया।
तकनीकी विश्लेषण से पुलिस को पता लगा कि आरोपी प्रत्येक महीने के शुरुआती दिनों में भरतपुर, दौसा, करौली, टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, राजसमंद, पाली, नागौर, जैसलमेर तथा बीकानेर और फिर यहां से सीकर, झुंझुनूं होते हुए दिल्ली जाने का पता लगा। एटीएम फूटेज के जरिए एटीएम लॉग हासिल करन पर पुलिस का यह पता लगा कि आरोपियों ने जैसलमेर और फलौदी में कार्डो का क्लोन तैयार किया बीकानेर में वारदात को अंजाम दिया है।
पुलिस ने लोके शन के आधार पर हैड कांस्टेबल लक्ष्मण और आईदान को अलग से टीम बना कर बिहार भेजा। जहां से एक आरोपी को दस्तयाब किया गया और पूछताछ के बाद दो अन्य आरोपियों को गिर$फतार कर लिया।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एटीएम कार्ड क्लोनिंग का गिरोह का सरगना संतोष यादव है। ये अपने साथियों के साथ मिलकर रुपए निकालने आए लोगों की मदद करने के बहाने उनका एटीएम कार्ड ले लेते हैं। दूसरे हाथ में रखी पोर्टेबल स्क्रीनिंग डिवाइश से एटीएम का डाटा स्कैन कर लेते हैं और कार्ड वापस उसके मालिक को दे देते हैं।
पिन नम्बर वहां खड़े – खड़े कार्ड मालिक द्वारा डाले जाने पर देख लेते थे। उसके बाद आरोपियों द्वारा अपने पास मौजूद एक यूएसबी हार्डवेयर, जिसमें स्कीम किया हुआ डाटा रीड कर ब्लैंक एटीएम कार्ड में सेव करने का सॉफ्टवेयर होता है, से दूसरी जगह पर जाकर एटीएम मशीन से रुपए निकाल लेते हैं। आरोपी इतने शातिर हैं कि एक घंटे में किसी भी बैंक के किसी भी कार्ड का एटीएम क्लोन बना लेते हैं।