शारदा चिटफंड का मामला, शिलॉंग सीबीआई कार्यालय में पेश होने के आदेश।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस आयुक्त पर शारदा चिटफंड मामले से जुड़े इलेक्ट्रिक सबूत को मिटाने के आरोप में सीबीआई की ओर से दायर की गई याचिकाओं पर आज सुबह साढ़े दस बजे सुनवाई शुरू हुई।
सीबीआई ने कोर्ट में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड नष्ट करने की बात कही। केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि राजीव कुमार पहले एसआईटी में थे, बाद में आरोपी के साथ मिलीभगत कर सबूत नष्ट किए।
अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार (जिन्होंने अप्रैल, 2013 और मई 2014 के बीच चिटफंड घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का नेतृत्व किया) ने पूरी सामग्री सीबीआई को नहीं सौंपी।
इसके बाद सीबीआई ने कोर्ट में आगे कहा, वास्तव में, आरोपियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड को दर्ज किया गया था, लेकिन राजीव कुमार ने सीबीआई को सैद्धांतिक रूप से कॉल रिकॉर्ड सौंपे हैं। कौन था, किसने बुलाया, इस पर जानकारी मिटा दी गई। सुदीप्तो सेन के सेल फोन को वापस सौंप दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने इस पर कहा कि हम चाहते हैं कि पुलिस कमिश्नर जांच में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि देखना पड़ेगा कि मामले में क्या सबूत है। सीजेआई ने कहा, ‘पुलिस कमिश्नर सीबीआई के सामने पेश हों। लेकिन गिरफ्तारी और कार्रवाई ना हों।’
सीजेआई ने कहा कि सीबीआई पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से शिंलांग जैसे निष्पक्ष स्थान पर पूछताछ कर सकती हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने रविवार को कोलकाता में सीबीआई अधिकारियों के साथ हुए बर्ताव को लेकर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी और पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को भी नोटिस भेजा जारी किया है, इस मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।
गौरतलब है कि राजीव कुमार से पूछताछ के लिए सीबीआई ने दिल्ली और कोलकाता में पूछताछ के लिए कहा था लेकिन कोर्ट ने इसे नहीं मानते हुए शिलांग में पूछताछ करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच इस पर सुनवाई की जिसमें सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता, जस्टिस खन्ना शामिल हैं।