गहलोत सरकार ने लिया नीतिगत फैसला
जयपुर/बीकानेर। लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में महिला आरक्षण बिल को लेकर सियासत तेज हो गई है। गहलोत सरकार महिला आरक्षण बिल को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव लाने की तैयारी कर चुकी है।
विधानसभा में यह प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। 33 प्रतिशत महिला आरक्षण का बिल लोकसभा में पास हो चुका है। फिलहाल यह बिल राज्यसभा में लंबित है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आवास पर गुरुवार को हुई कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में राज्य सरकार ने इस पर नीतिगत फैसला ले लिया है। इससे पहले पंजाब की कांग्रेस सरकार ने भी राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान महिला आरक्षण बिल पारित कर दिया था।
राजनीतिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट के अनौपचारिक बैठक में इस संबंध में नीतिगत फैसला लिया जा चुका है। लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव सदन में रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज मीडिया से बातचीत में कहा कि यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी लंबे समय तक इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाते रही हैं। यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान यह प्रस्ताव लोकसभा में पास भी हुआ था, लेकिन राज्यसभा में अब तक लंबित है। अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की मंशा है कि कांग्रेस शासित सभी राज्यों में इस प्रस्ताव को पारित किया जाए।
इस संबंध में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि कांग्रेस हमेशा से राजनीतिक और सामाजिक तौर पर महिलाओं की भागीदारी की वकालत करती रही है। अब राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप प्रदेश में सरकार में इस दिशा में कदम उठाया जा रहा है। पायलट ने कहा कि भाजपा ने 5 साल तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।
माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार की मंशा है कि प्रदेश में यह प्रस्ताव पारित कर महिला आरक्षण पर जारी गतिरोध की गेंद केंद्र के पाले में डाल दी जाए। कांग्रेस महिला वोटर्स को लोकसभा चुनाव में अपनी तरफ करने के साथ-साथ एक मुद्दे के तौर पर भी लोकसभा चुनाव में इसे भुनाने का पूरा प्रयास करेगी।