बिश्नोई धर्मशाला में हुई थी बैठक, जिला प्रभारी मंत्री सालेह मोहम्मद भी थे मौजूद।
बीकानेर। लोकसभा चुनाव को लेकर बिश्नोई धर्मशाला में आयोजित कांग्रेस जिला कमेटी की बैठक में आज कार्यकर्ताओं का हंगामा देखने को मिला। हैरानी की बात तो यह है कि इस दौरान जिला प्रभारी मंत्री और प्रदेश के राज्यमंत्री सालेह मोहम्मद भी मौजूद थे।
ऐसे में राजनीतिक लोगों को कांग्रेस में अनुशासन को लेकर फिर से सवाल खड़े करने का मौका मिल गया है।
राजनीतिक सूत्रों ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि बैठक में खाजूवाला विधायक गोविंदराम मेघवाल, जिला प्रमुख सुशीला सींवर और खाजूवाला प्रधान सरिता चौहान को मंच पर जगह नहीं देने और उनका नाम का संबोधन नहीं करने से समर्थकों ने हंगामा मचा दिया। मामला बढ़ता देख कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बीच-बचाव किया तथा मामला शांत करवाकर बैठक शुरू करवाई।
दरअसल, चार-साढ़े चार महीनों बाद होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर आज बिश्नोई धर्मशाला में कांग्रेस जिला कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों के नामों का पैनल बनाने पर विचार-विमर्श करना था।
बैठक में जिला प्रभारी मंत्री व अल्पसंख्यक मंत्री सालेह मोहम्मद, खाजूवाला विधायक गोविंदराम मेघवाल, जिला देहात अध्यक्ष महेंद्र गहलोत, शहर अध्यक्ष यशपाल गहलोत सहित कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता व पदाधिकारी मौजूद थे।
मगर बैठक शुरू होने से पहले खाजूवाला विधयाक गोविंदराम मेघवाल, जिला प्रमुख सुशीला सींवर, खाजूवाला प्रधान सरिता चौहान को मंच पर जगह नहीं देने और उनके नाम का संबोधन नहीं करने से समर्थकों में आक्रोश पनप गया और उन्होंने हंगामा मचा दिया।
इतना ही नहीं हंगामा मचाने वालों ने देहात कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र गहलोत के खिलाफ नारेबाजी भी की। जिससे माहौल एकदम से तनावपूर्ण हो गया। इस दौरन गोविंदराम मेघवाल और सरिता चौहान के समर्थकों ने देहात अध्यक्ष महेंद्र गहलोत से गलती मानने और सरिता चौहान, सुशीला सींवर के नाम का संबोधन मंच से करने की मांग करने लगे।
मामला बढ़ता देख विधायक गोविंदराम मेघवाल सहित कई पदाधिकारियों ने बीचबचाव करके सर्मथकों का गुस्सा शांत करवाया और समर्थकों के जोश को देखते हुए नामों का संबोधन मंच से करवाया।
एकबारगी तो यह मामला शांत हो गया लेकिन बैठक के दौरान और बाद में वहां मौजूद कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में देहात कांग्रेस अध्यक्ष को पद से हटाए जाने को लेकर चर्चाएं की जा रही थीं। जानकारी तो यह भी मिली है कि कुछ कार्यकर्ताओं ने जिला प्रभारी मंत्री के समक्ष यह मांग भी रख दी कि अगर जल्दी ही देहात कांग्रेस अध्यक्ष को उनके पद से नहीं हटाया गया तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।