राष्ट्रीय लोक अदालत ने फिर बसाए दो परिवार

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राष्ट्रीय लोक अदालत

एक साल से पारिवारिक न्यायालय में थे प्रकरण विचाराधीन, पक्षों की आपसी सहमति से हुई सुलह, अब रहेंगे साथ-साथ।

बीकानेर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रि-लिटिगेशन और लम्बित प्रकरणों को सहमति के माध्यम से हल करते हुए दो परिवारों को मिलाया गया।

प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार पारीक ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रि-लिटिगेशन और लम्बित प्रकरणों के कुल 8051 मामलों को रखा गया और पक्षकारों की आपसी सहमति के माध्यम से निस्तारण किया गया।

इस लोक अदालत में पारिवारिक न्यायालय नंबर 1 और 2 में पिछले एक साल से विचाराधीन दो प्रकरणों का आज राजीनामे से समाधान किया गया।

एक प्रकरण में चेतनराम और मंजू तथा दूसरे प्रकरण में मदनलाल और सुमन के परिवारों को वापस एक करने का काम किया गया। दोनों ही परिवार के लोगों ने लोक अदालत में न्यायाधीश विनोद कुमार सोनी और न्यायाधीश श्यामसुंदर लाटा का आभार जताते हुए लोक अदालत की सराहना की।

राष्ट्रीय लोक अदालत

 

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वहीं आज राष्ट्रीय लोक अदालत में एक बच्चे को अपने पिता से मिलने का हक परिवारों में सहमती से दिलाया गया। प्राधिकरण के सचिव और अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि लोक अदालत में 35 बेंचो के माध्यम से शीध्र व सुलभ न्याय राजीनामा से निस्तारण करवाया गया।

 

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