वह आपत्ति जिसके कारण जस्टिस यूयू ललित बैंच से हटे

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जस्टिस यूयू ललित

अयोध्या केस : अब 29 जनवरी को होगी अगली सुनवाई 

नई दिल्ली। अयोध्या मामले में आज सुनवाई शुरू होते ही मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने पांच जजों की संविधान पीठ में जस्टिस यूयू ललित के होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जस्टिस ललित 1994 में कल्याण सिंह के वकील रह चुके हैं।

राजीव धवन के सवाल उठाने के बाद चीफ जस्टिस ने बाकी जजों के साथ मशविरा किया। इस पर जस्टिस यूयू ललित ने सुनवाई से अपने आप को अलग करने की बात कही। इस कारण उनके हटने के बाद अब नई संवैधानिक बैंच का गठन होगा।

इसके साथ ही अब अयोध्या केस की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी। हालांकि इससे पहले आज सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्टिस ने कहा था कि आज सिर्फ सुनवाई की तारीख तय की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि यह पीठ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है।

5 जजों की संवैधानिक बैंच

दरअसल, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली इस पांच सदस्यीय संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एनवी रमण, न्यायमूर्ति उदययू ललित और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ शामिल थे।

पांच सदस्यीय पीठ में न केवल मौजूदा प्रधान न्यायाधीश हैं बल्कि इसमें चार अन्य न्यायाधीश जो शामिल थे वे भविष्य में सीजेआई बन सकते हैं। न्यायमूर्ति गोगोई के उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति बोबडे होंगे। उनके बाद न्यायमूर्ति रमण, न्यायमूर्ति ललित और न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की बारी आएगी।

 

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