कांग्रेस : संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की कवायद

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गहलोत सरकार

कई जिलों के और प्रकोष्ठों के अध्यक्ष बदलने की कोशिश

बीकानेर। सत्ता में लौटने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की कवायद शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि मंत्रीमण्डल गठन के बाद चुनाव हार चुके और संगठन में लम्बे समय से काम कर रहे नेताओं को प्रमोट किया जाएगा।

उन्हें संगठन में अहम पद दिए जा सकते हैं। वैसे भी इस बार कांग्रेस के आधा दर्जन जिलाध्यक्ष विधानसभा का चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। इनमें से कई जिलाध्यक्ष मंत्री बनने की कतार में भी हैं। ऐसे में इनके स्थान पर नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की जा सकती है।

जयपुर शहर अध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास और देहात अध्यक्ष राजेन्द्र यादव विधायक चुने गए हैं। ऐसे में इनकी जगह नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की कवायद हो सकती है।

वहीं झुंझुनूं के जिलाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र सिंह भी विधायक चुने गए हैं। वे अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके हैं और इस बार भी मंत्रीमण्डल में उनका शामिल होना पूरी तरह से संभावित है। उनके स्थान पर भी नए जिलाध्यक्ष के नाम पर पार्टी के अन्दर विचार चल रहा है।

कई पर गाज गिरना भी तय

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में चर्चा इस बात की भी चल रही है कि प्रदेश कांग्रेस की जम्बो कार्यकारिणी में बदलाव किया जा सकता है। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश नेतृत्व की उम्मीदों पर खरे उतरे प्रदेश पदाधिकारियों को प्रमोट किया जा सकता है, वहीं जिन प्रदेश पदाधिकारियों की परफॉर्मेन्स अच्छी नहीं रही, उन्हें बदला जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार कई प्रदेश पदाधिकारियों की चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ भीतरघात करने की शिकायतें भी आला नेताओं को मिली थी, ऐसे में उन पर गाज गिरना भी तय माना जा रहा है।

अग्रिम संगठनों-प्रकोष्ठों में भी बदलाव

जानकारी के मुताबिक पार्टी के भीतर अग्रिम संगठनों और प्रकोष्ठों, विभागों के कामकाज का डेटा तैयार किया जा रहा है। प्रदेश के चारों सहप्रभारी, अग्रिम संगठनों और प्रकोष्ठों की विधानसभा चुनाव में कितनी सक्रियता रही, इसका आंकलन किया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि कई नेता अग्रिम संगठनों और प्रकोष्ठों के कामकाज से खुश नहीं है और पूर्व में ही उनके बदलाव की बात कर चुके हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विभागों और प्रकोष्ठों में बदलाव नहीं किया गया था। अब विधानसभा चुनाव निपटने के बाद विभागों और प्रकोष्ठों में बदलाव किया जाएगा।

 

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