‘दुखों से मुक्ति का रास्ता है ईश्वर की अराधना’
बीकानेर। श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति के तत्वावधान में अग्रसेन भवन में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ शुरू हुआ।
त्रयम्बकेश्वर चैतन्य महाराज के शिष्य किशोरीलाल महाराज ने भागवत कथा की महता पर प्रवचन करते हुए कहा कि संसार दुखों का सागर है। प्रत्येक प्राणी किसी न किसी तरह से दुखी व परेशान है।
उन्होंने कहा कि कोई स्वास्थ्य से दुखी है, कोई परिवार, कोई धन, तो कोई संतान को लेकर परेशान है। सभी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए ईश्वर की आराधना ही एकमात्र मार्ग है। इसलिए व्यक्ति को अपने जीवन का कुछ समय हरि के भजन में लगाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भागवत कथा वह अमृत है। जिसके पान से भय, भूख, रोग व संताप सब कुछ स्वत: ही नष्ट हो जाता है। व्यक्ति को मन, बुद्धि, चित एकाग्र कर अपने आप को ईश्वर के चरणों में समर्पित करते हुए भागवत कथा को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए।
आयोजन से जुड़े ताराचंद अग्रवाल ने बताया कि कथा शुरू होने से पहले हुलासचंद अग्रवाल, राजेन्द, नरेन्द्र व अरुण अग्रवाल ने पूजा करवाई। कथा के दौरान सचेतन झांकिया, नंदोत्सव, कृष्ण की लीलाओं का मंचन किया जाएगा। 15 दिसम्बर को कथा समापन होगी और महाप्रसाद होगा।
निकाली मंगल कलश शोभायात्रा
श्रीमद् भागवत कथा आयोजन से पहले आयोजकों की ओर से मंगल कलश शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें महिलाएं सिर पर कलश रख भजन-कीर्तन कर रही थीं। शोभायात्रा में झांकियां भी शामिल की गई।
बैण्ड-बाजे पर बज रही धार्मिक धुनों पर बहुुत से श्रद्धालु शोभायात्रा में शामिल रहे। शोभायात्रा श्रीलक्ष्मीनाथ मंदिर से शुरू हुई और विभिन्न मार्गों से होती हुई अग्रसेन भवन पहुंची।