वैश्विक सुरक्षा और दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों के चलते महत्वपूर्ण है युद्धाभ्यास
अपाचे, चिनुक, रॉकेट लॉन्चर सहित अतिआधुनिक हथियारों का होगा उपयोग
बीकानेर। भारत-अमेरिका सैनिकों का संयुक्त युद्धाभ्यास सोमवार से महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ। दोनों देशों की सेनाओं के बीच युद्धाभ्यास का यह 20वां संस्करण हैं। 22 सितम्बर तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास को वैश्विक सुरक्षा और दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों के चलते महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
संयुक्त युद्धाभ्यास के 20वें संस्करण में संयुक्त राज्य अमेरिका की 11वीं एअरबोर्न डिवीजन की 1-24 बटालियन और भारत की सेना की राजपूत रेजीमेंट्स की 9वीं बटालियन शामिल है। दोनों देशों के 600-600 सैनिक इस संयुक्त युद्धाभ्यास में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
संयुक्त युद्धाभ्यास के उद्घाटन समारोह में यूएस आर्मी की 11 एअरबोर्न डिवीजन के डिप्टी कमांडर ब्रिगेडियर जनरल थॉमस बर्क तथा भारतीय सेना की 15 इन्फ्रेन्ट्री ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर प्रयोग सुब्बा ने इस संयुक्तयुद्धाभ्यास को वैश्विक शांति और दोनों देशों की सेनाओं के लिए बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि संयुक्तयुद्धाभ्यास के दौरान एक-दूसरे के युद्ध कौशल, सामरिक नीति, हथियार प्रणाली और संस्कृति से परिचित होंगे। युद्धाभ्यास का यह संस्करण सैन्य शक्ति और उपकरणों के संदर्भ में संयुक्त अभ्यास के दायरे और जटिलता में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।
रक्षा प्रवक्ता राजस्थान कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि इस संयुक्तयुद्धाभ्यास में अमेरिका का हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम, दोनों देशों के अत्याधुनिक हथियार और बख्तरबंद वाहन, युद्धक हेलीकॉप्टर अपाचे, चिनुक आदि उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
युद्धाभ्यास के दौरान किए जाने वाले सामरिक अभ्यासों में आतंकवादी कार्रवाई के लिए संयुक्त प्रतिक्रिया, संयुक्त योजना और संयुक्त क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास शामिल हैं जो वास्तविक दुनिया के आतंकवाद विरोधी अभियानों का अनुकरण करते हैं।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com