जलदाय विभाग का होगा निजीकरण, कवायद शुरू

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Water supply department will be privatized, exercise has started

जलदाय विभाग कर रहा है इस बदलाव की तैयारी

बीकानेर। भजनलाल सरकार ने अब निजीकरण की तरफ कदम बढ़ा दिया है। प्रदेश का जलदाय विभाग अब निजी हाथों में दे दिया जाएगा। सरकार के इस निर्णय के बाद जलदाय विभाग की ओर से इस बदलाव की तैयारी शुरू कर दी गई है।


राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक अब इसे राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सिवरेज कॉरपोरेशन (आरडब्ल्यूएसएससी) के नाम से जाना जाएगा। पानी के बिल और अन्य आदेश भी अब राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सिवरेज कॉरपोरेशन (आरडब्ल्यूएसएससी) के नाम से आने लगेंगे। इस कॉरपोरेशन का गठन 1979 एक्ट के तहत किया जा रहा है। इससे उम्मीद भी लगाई गई है कि विभाग को वित्तीय सहायता और ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी। इस नई कॉरपोरेशन आरडब्ल्यूएसएससी का प्रबंध निदेशक एनआरडब्ल्यू के मुख्य अभियंता (शहर) को बनाया गया है। बताया जा रहा है कि जलदाय विभाग को ऋण प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इस समस्या का समाधान करने के लिए विभाग ने निजीकरण का रास्ता चुना है।


भजनलाल सरकार के इस निर्णय के विरोध में भी स्वर उठने लग गए हैं। जलदाय विभाग के निजीकरण के खिलाफ कल यानि सोमवार को वाटर वक्र्स कर्मचारी संघ ने एक आपात बैठक भी बुला ली है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में निजीकरण के खिलाफ रणनीति पर चर्चा की जाएगी। वहीं विभाग से जुड़े कई अन्य संगठन भी जल भवन में एकत्र होकर सरकार के इस फैसले का विरोध जताएंगे। आने वाले दिनों में प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन भी देखने को मिल सकता है। क्योंकि निजीकरण के विरोध में विपक्षी नेता भी कर्मचारी संगठनों का साथ देने में पीछे नहीं रहेंगे।


वहीं कुछ जानकारों का मानना है प्रदेश की सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय है। इस बदलाव को सकारात्मक रूप से देखना चाहिए। निजीकरण से जलदाय विभाग में सुधार और बेहतर सर्विस की संभावना बढ़ जाएगी। वित्तीय स्थिति में सुधार से विभाग की कार्यक्षमता और सेवा गुणवत्ता में भी काफी बढ़ोतरी होने की ज्यादा संभावनाएं हैं।

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