विधानसभा स्पीकर बोले हैं कि कांग्रेस ने जांच ही नहीं कराई
पुलिस ने दिखाई लापरवाही तो विशेषाधिकार का होगा उपयोग
बीकानेर। सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर लाखों रुपए ऐंठने के मामले आए दिन सामने आते हैं। ताजा मामला विधानसभा का है। राजस्थान विधानसभा में होने वाली चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। विधानसभा के एक कर्मचारी ने कई अभ्यर्थियों को नौकरी लगवाने का झांसा देकर लाखों रुपए हड़प लिए। मामला पिछले साल का है लेकिन अब इसकी पोल खुली तो विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने रुपए ऐंठने वाले कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पूर्ववर्ती सरकार के समय विधानसभा में चतुर्थ श्रेणी पदों के लिए भर्ती निकली थी। कुल 11 पदों के लिए करीब 18 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। यह भर्ती इंटरव्यू के आधार पर होनी थी। विधानसभा के कर्मचारी नितिन शर्मा ने कई अभ्यर्थियों को नौकरी लगाने की गारंटी दे दी। नौकरी का झांसा देकर 2 से 8 लाख रुपए वसूल लिए। करीब एक साल बीतने के बावजूद भी नौकरी नहीं लगी तो अभ्यर्थियों ने रुपए वापस मांगे लेकिन नितिन ने रुपए नहीं लौटाए।
नौकरी लगवाने का झांसा देकर रुपए ऐंठने पर दो अभ्यर्थियों ने अलग-अलग पुलिस थानों में विधानसभा के कर्मचारी नितिन शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले का पता जब स्पीकर वासुदेव देवनानी को लगा तो उन्होंने अपने स्तर पर जांच कराई।
देवनानी ने वहां मीडिया से कहा है कि आरोपी नितिन ने करीब 42 लाख रुपए ऐंठ लिए। नितिन को सस्पेंड कर दिया गया है। देवनानी ने कहा है कि पूर्ववर्ती सरकार के समय दलाली का खुला खेल चलता रहा। सभी को इस घटना का पता था लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की।
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने यह भी कहा है कि हैरानी की बात यह है कि पुलिस थानों में दो एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई पुलिस की ओर से नहीं की गई। अब इस बात की जांच कराएंगे कि पूर्ववर्ती सरकार के समय इस मामले की जांच क्यों नहीं करवाई गई। अगर अब भी पुलिस लापरवाह नजर आई तो विशेषाधिकार प्रस्ताव का इस्तेमाल करके पुलिस के उच्च अधिकारी को जवाब तलब किया जाएगा।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com