बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर चुनाव हुआ दिलचस्प, मतदाता कंफ्यूज
अरविंद डामोर हैं कांग्रेस के प्रत्याशी, कांग्रेस ने दिया बीएपी को समर्थन
बीकानेर। प्रदेश की बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर चुनावी लड़ाई रोचक हो गई है, जहां कांग्रेस लोगों से अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार को वोट न देने की अपील कर रही है।
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने प्रदेश में काफी उहापोह के बाद इस सीट पर भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के उम्मीदवार राजकुमार रोत को समर्थन देने का फैसला किया। यह घोषणा नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि से एक दिन पहले की गई। हालांकि कांग्रेस की ओर से अरविंद डामोर पहले ही पार्टी प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर चुके थे। बीएपी को समर्थन देने की पार्टी की घोषणा के अनुसार डामोर को अपना पर्चा वापस लेना चाहिए था लेकिन नामांकन वापस लेने की समयसीमा समाप्त होने तक वह कहीं नजर नहीं आए। बाद में मीडिया के सामने आकर डामोर ने नए घटनाक्रम के बारे में अनभिज्ञता जताई और घोषणा की कि वह चुनाव लड़ेंगे।
बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर जो मुकाबला भाजपा और कांग्रेस-बीएपी गठबंधन के बीच माना जा रहा था, वह अब डामोर के अड़ जाने से त्रिकोणीय मुकाबले में तब्दील हो गया है। डामोर के चुनाव मैदान में कूदने से ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस के वोट बंटेंगे, जिसका फायदा भाजपा के उम्मीदवार महेंद्रजीतसिंह मालविया को मिल सकता है। कांग्रेस के स्थानीय नेता लोगों से पार्टी उम्मीदवार के बजाय रोत को वोट देने की अपील कर रहे हैं। वहीं, डामोर ने दावा किया है कि उन्हें पार्टी के कई ऐसे नेताओं का समर्थन प्राप्त है जो बीएपी के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं।
स्थानीय नेता व कांग्रेस विधायक अर्जुन बामनिया के बेटे विकास बामनिया ने कहा है कि पार्टी रोत का समर्थन कर रही है। उन्होंने वहां कहा है कि ‘हमारा रुख स्पष्ट है, हम बीएपी उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं।’ बामनिया ने कहा है कि हम लोगों की भावनाओं और पार्टी से मिले निर्देशों को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं। एक अन्य स्थानीय कांग्रेस नेता ने कहा है कि रोत कांग्रेस-बीएपी गठबंधन के आधिकारिक उम्मीदवार हैं। नेता ने कहा है कि ‘हम लोगों से स्पष्ट रूप से कांग्रेस उम्मीदवार को वोट नहीं देने के लिए कह रहे हैं।’
कई स्थानीय लोगों ने भी वहां मीडिया से कहा है कि मुकाबला तो मुख्य रूप से मालवीय और रोत के बीच है। हालांकि कुछ का मानना था कि डामोर के पार्टी निर्देशों का पालन नहीं करना कांग्रेस के लिए शर्मनाक है। बीएपी की स्थापना वर्ष, 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले हुई थी। पार्टी के तीन विधायकों में रोत भी शामिल हैं। बांसवाड़ा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित लोकसभा सीट है और यहां शुक्रवार को मतदान होना है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com