मतदान कम होने की वजह नेताओं की दल-बदल ?
नहीं दिखे राजनैतिक कार्यकर्ता, सब बनते जा रहे हैं नेता
बीकानेर। प्रदेश में प्रथम चरण के लिए 12 लोकसभा सीटों पर हुए मतदान में गिरावट से हर कोई चिंतित है। यहां पर दर्जनों विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर दिग्गज नेता चुनाव लड़ते हैं, जिनके समर्थक बूथ पर पूरा जोर लगाते थे। मगर, इस बार विधानसभा चुनाव के बाद उन्हीं में से कई दिग्गज दल-बदल चुके हैं। उनके समर्थकों को लगा था कि दल बदलने के बाद उन्हें टिकट भी मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, ऐसे में अब उनके समर्थकों में निराशा है। वहीं मतदान कम होने की वजह राजनैतिक कार्यकर्ताओं का नेता बनना भी बताया जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार प्रथम चरण में प्रदेश की 12 सीटों पर कम मतदान हुआ है। इन सीटों पर चुनाव लडऩे के इच्छुक कई नेताओं ने दल-बदल लिया था और दल बदलने के बाद उन्हें लग रहा था कि उन्हें प्रत्याशी बनाया जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जिससे उनके समर्थकों में निराशा छा गई।
वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार कांग्रेस व भाजपा में कार्यकर्ताओं की कमी नजर आई। जिले के बहुत से स्थानों पर बूथ खाली पड़े थे। वहां कार्यकर्ता नहीं थे। पहले चुनाव में देखा जाता रहा है कि कार्यकर्ता मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रेरित करते थे। मतदान के दिन घर-घर जाकर लोगों को कहते थे कि मतदान करने जाओ। लेकिन इस बार कार्यकर्ता ऐसा करते नहीं दिखे। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि राजनैतिक कार्यकर्ता अब नेता बन गए हैं। उन्हें जमीनी स्तर पर काम करने की बजाय नेताओं के साथ गाडिय़ों में घूमना, फोटो खिंचवा कर मीडिया में छाए रहने का शौक हो गया है। मतदान कम होने में ये भी बड़ी वजह के रूप में सामने आया है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com