भाजपा नेताओं ने लगाए कांग्रेस प्रत्याशी पर नामांकन में तथ्य छिपाने के आरोप

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BJP leaders accused Congress candidate of hiding facts in nomination

प्रेसवार्ता कर भाजपा नेताओं ने मीडिया के सामने रखे अपने तथ्य

भारत के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, प्रदेश और जिला निर्वाचन अधिकारी को भी भेजी शिकायत

बीकानेर। जिला भाजपा नेताओं की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी पर नामांकन में तथ्य छिपाने के आरोप लगाए गए हैं। जिला भाजपा प्रवक्ता की ओर से आज प्रेसवार्ता के दौरान मीडिया के सामने अपने तथ्य रखकर कांग्रेस प्रत्याशी पर दर्ज हुए मुकदमे न्यायालय में लंबित बताए गए।


विधि समन्वयक लोकसभा बीकानेर अशोक प्रजापत व विधि समन्यवयक चतुर्भज सारस्वत ने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी गोविन्दराम मेघवाल ने अपने नामांकन पत्र में जो शपथ पत्र दिया है तथा आपराधिक मामला का रिकॉर्ड कॉलम में उन्होंने शून्य लिखा है और शपथ पत्र में भी किसी प्रकार का आपराधिक मामला लंबित होना नहीं बताया है, जबकि राजस्थान हाई कोर्ट की ई-कोर्ट सर्विस में उन्हीं के द्वारा नामांकन पत्र के साथ दिए गए हाई कोर्ट के मामलों के पेज में प्रदर्शित अपराधिक मामलों की संख्याओं को अगर ई-कोर्ट सर्विस की पोर्टल में देखे तो कई मामले ऐसे हैं जिनकी तारीख 4 मई 2024, 13 मई 2024 व 29 जून 2024 बता रहा है।

अर्थात अभी भी उनके विरुद्ध न्यायालय में मामले पेंडिंग हैं। तभी आगे तारीख है, बता रहे हैं। जिसकी जानकारी उन्होंने अपने शपथ पत्र और आपराधिक मामलों के कॉलम में नहीं दी। साथ ही पुलिस की वेबसाइट पर जब जयनारायणव्यास कॉलोनी थाने का जो हिस्ट्रीशीटर संबंधी पुलिस की विंडो खोलकर देखते हैं तो गोविंदराम चौहान नाम से उनकी हिस्ट्रीशीट खुली हुई दर्शाई गई है। भाजपा नेताओं ने कहा कि जेएन व्यास कॉलोनी थाने ने गोविंदराम चौहान को अपना थाने का हिस्ट्रीशीटर माना है। जिसकी भी जानकारी उन्होंने अपने शपथ पत्र में नहीं दी है।

भाजपा के विधि समन्वयक और भाजपा जिला प्रवक्ता, विधि समन्वयक लोकसभा बीकानेर अशोक प्रजापत तथा भाजपा विधि समन्वयक और विधि प्रकोष्ठ संयोजक चतुर्भुज सारस्वत ने जिला निर्वाचन, राज्य निर्वाचन अधिकारी और केंद्रीय निर्वाचन अधिकारी को शिकायत दी है कि गोविंदराम मेघवाल के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए। साथ ही धारा-125, रिप्रजेन्टेशन ऑफ द पीपुल्स-1951 के अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारी को गलत तथ्य प्रस्तुत करने आपराधिक मामलों के तथ्य छिपाने के लिए गोविंदराम मेघवाल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जानी चाहिए। साथ ही धारा-195-सीआरपीसी और धारा-340-सीआरपीसी में यह प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति गलत तथ्य प्रस्तुत करे तो उसकी जानकारी सक्षम अधिकारी या न्यायालय को हो तो वे स्वयं प्रसंज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज कर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।

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