चूरू में राहुल कस्वां, बाड़मेर में विधायक रविन्द्रसिंह भाटी व प्रियंका चौधरी बने परेशानी
प्रदेश की 15 सीटों पर पार्टी ने की है उम्मीदवारों की घोषणा, दस सीटों पर किया जा रहा है मंथन
बीकानेर। लोकसभा चुनाव-2024 की तारीखों का ऐलान होना अभी बाकी है। जल्द चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान भी कर सकता है लेकिन प्रदेश में सत्तासीन भाजपा के लिए दिन अच्छे दिन नहीं दिख रहे हैं। वजह है पार्टी के बागी नेता, जिससे लोकसभा चुनाव में पहले पार्टी जूझती हुई नजर आ रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार विधानसभा चुनाव में बाड़मेर जिले की 6 विधानसभा सीटों पर बागी हुए भाजपा नेताओं ने पार्टी के समीकरण को हिलाकर रख दिया था और जीतकर विधानसभा पहुंचे नेताओं को पार्टी में वापसी की उम्मीद थी, लेकिन बहुमत मिलने के बाद उन्हें झटका मिला। चूरू लोकसभा क्षेत्र में भी कुछ इसी तरह का माहौल सांसद राहुल कस्वां को टिकिट नहीं देने पर हो रहा है।
माना जा रहा है लोकसभा चुनाव से पहले बागी भाजपा भाजपा को झटका दे सकते है, क्योंकि चुनाव से पूर्व फिर उन्होंने भाजपा को आंख दिखानी शुरू कर दी है। इसे प्रेशर पॉलिटिक्स कहें या बगावत, ये आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन यह साफ है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा बागियों से घिर गई है, जिससे भाजपा की राह मुश्किल हो गई है।
विधानसभा चुनाव-2023 में बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से भाजपा से टिकट की मांग कर रहे रविंद्रसिंह भाटी और प्रियंका चौधरी ने टिकट नहीं मिलने के बाद बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते, लेकिन चुनाव के नतीजे आने से पहले दोनों नेताओं से पार्टी ने संपर्क कर वापसी के संकेत दिए थे, लेकिन पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भाजपा में उनकी वापसी अधर में लटक गई।
विश्लेषकों के अनुसार लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनाव में बागी हुए शिव और बाड़मेर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए रवींद्रसिंह भाटी और प्रियंका चौधरी एक सोची समझी रणनीति के तहत भाजपा को घेरे हुए हैं।
भाजपा में लोकसभा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट को लेकर मंथन शुरू होने के साथ ही बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी को लेकर प्रियंका चौधरी के एक पोस्टर वायरल हुए थे लेकिन भाजपा ने एक बार फिर कैलाश चौधरी को वहां से उम्मीदवार बनाया। लिस्ट आने के बाद शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी के बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लडऩे के पोस्टर वायरल होने लगे, इसने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।
ऐसा ही कुछ चूरू में भी नजर आ रहा है। यहां राहुल कस्वां और भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ के बीच चल रही कलह सार्वजनिक है। पार्टी आलाकमान ने कस्वां को टिकिट नहीं देकर पैराओलंपियन देवेन्द्र झाझडिय़ा को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। जिससे राहुल कस्वां के समर्थकों में खासी नाराजगी है। जानकारी तो यह भी सामने आ रही है कि कांगे्रस के कुछ नेता सांसद राहुल कस्वां को कांग्रेस से टिकिट मांगने की सलाह दे रहे हैं। अगर ऐसा हो जाता है तो चूरू लोकसभा सीट पर भी भाजपा की राहें आसान नहीं मानी जा सकती हैं।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com