कांग्रेस के लिए राजस्थान बढ़ा रहा टेंशन, टिकट फाइनल में फंसा पेच

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Tension is increasing in Rajasthan for Congress, there is a problem in ticket final

कई दिग्गजों की ‘हां’ पर टिकी लिस्ट, गहन मंथन का दौर जारी

एक सर्वे में इस बार कांग्रेस का बताया जा रहा है सूपड़ा साफ

बीकानेर। लोकसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में कांग्रेस की तरफ से अभी पहले लिस्ट आना बाकी है। हालांकि दूसरे राज्यों की 39 सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। वहीं राजस्थान में उम्मीदवारों के नाम को लेकर अभी मंथन जारी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस राजस्थान में भी जल्द उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। इस बीच कांग्रेस को अपने दिग्गज नेताओं से काफी उम्मीद है। लेकिन अभी भी इन नेताओं के चुनाव लडऩे को लेकर संशय बना हुआ है।


राजनीतिक सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव को लेकर अब तक जो भी ओपिनियन रिपोर्ट आई हैं। वह कांग्रेस के लिए चिंताजनक है। हाल ही में एक सर्वे रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है, उसके बाद कांग्रेस की चिंता और बढ़ गई है। इस सर्वे रिपोर्ट में बीजेपी को फिर से 25 में से 25 सीटों पर जीत हासिल होती हुई बताई गई है। जबकि फिर से कांग्रेस के लिए सूपड़ा साफ बताया गया है। इस सर्वे रिपोर्ट की बाद कांग्रेस हाई कमान की नींदें उड़ी हुई है। इसलिए कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।


वर्ष, 2014 और 2019 के बाद इस लोकसभा चुनाव में फिर से क्लीन स्वीप होने डर कांग्रेस को सता रहा है। ऐसे में कांग्रेस अपने दिग्गज नेताओं पर दांव खेल सकती है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट को लोकसभा चुनाव लड़ाने की चर्चाएं हैं। दोनों ही दिग्गज कांग्रेस की डूबती हुई नैया के खेवनहार बन सकते हैं। लेकिन अभी तक दोनों ही दिग्गज नेताओं के चुनाव लडऩे को लेकर संशय बरकरार है। दोनों ही नेता लोकसभा चुनाव लडऩे से इनकार कर चुके हैं। लेकिन इनको चुनाव लड़ाने के अलावा कांग्रेस के पास फिलहाल कोई विकल्प भी नहीं नजर आ रहा है।

गहलोत ने खुद की अपेक्षा बेटे के लिए रणनीति तैयार की


पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद तो चुनाव लडऩा नहीं चाहते हैं लेकिन आरसीए अध्यक्ष पद जाने के बाद वह अपने बेटे वैभव गहलोत के फ्यूचर को संवारने का प्लान बनाने में जुटे हुए हैं। इसको लेकर वैभव गहलोत ने जालौर-सिरोही लोकसभा सीट से लडऩे की तैयारी भी कर दी है। वैभव इन दोनों लोकसभा सीट में डेरा डाले हुए हैं और लगातार सक्रिय हैं। उधर, गहलोत भी लगातार सिरोही-जालौर लोकसभा सीट से फीडबैक लेते हुए वहां के नेताओं से चर्चा कर अपने बेटे वैभव के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं।

पायलट भी कर चुके हैं चुनाव लडऩे से इनकार


कांग्रेस के दिग्गजों पर चुनाव लडऩे के लिए दबाव बनाया जा सकता है। सचिन पायलट छत्तीसगढ़ के प्रभारी है। उन्होंने पहले ही लोकसभा चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया है। लेकिन फिर भी पायलट को लेकर टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे के कयास लगाए जा रहे हैं। इसमें अगर पार्टी हाई कमान का दबाव बना तो, फिर पायलट टोंक लोकसभा से चुनाव लड़ सकते हैं।

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