आमजन व किसानों को होगा फायदा, फ्यूल के लिए दूसरे देशों पर कम होगी निर्भरता
प्रदेश में 600 पेट्रोल पम्पों पर ई20 यानि 20 प्रतिशत एथेनॉल वाला पेट्रोल मिलना शुरू
बीकानेर। जैविक ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए बड़ी पहल हुई है। देश में एक्सक्लूसिव एथेनॉल मिक्स पेट्रोल पम्प खुलेंगे। पहले फेज में चार राज्य महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू में ऐसे 400 पेट्रोल पम्प अगले छह माह में शुरू हो जाएंगे। इन पेट्रोल पम्प पर 20 प्रतिशत मिश्रित एथेनॉल वाला पेट्रोल मिलेगा। राजस्थान और अन्य राज्यों में भी इनके लिए भी प्लानिंग शुरू कर दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तय समय से पहले 12 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंडिंग के अपने लक्ष्य को हासिल करने के बाद अब वर्ष, 2025 तक पेट्रोल को 20 प्रतिशत एथेनॉल के साथ मिलाने का लक्ष्य तय किया है। इसी कड़ी में प्रदेशभर में 6 हजार 377 पेट्रोल पंपों पर आने वाले समय में 20 प्रतिशत मिश्रित एथेनॉल वाला पेट्रोल मिलेगा। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीपसिंह पुरी के निर्देशों के बाद ऑयल कंपनियों ने इसकी कवायद शुरू कर दी हैं।
वर्तमान में प्रदेश में करीब 600 पेट्रोल पंपों पर ई20 पेट्रोल यानि 20 प्रतिशत एथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल मिलना शुरू हो गया हैं। केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक कार्यक्रम में बताया है कि ऐसे सभी पेट्रोल पम्प पर केवल एथेनॉल मिक्स पेट्रोल मिलेगा ताकि नेट जीरो कार्बन और पर्यावरण संरक्षण के लिए निर्धारित टारगेट को समय से पहले हासिल किया सके।
साथ ही फ्यूल के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता कम होगी और आमजन व किसानों को भी फायदा होगा। अभी पेट्रोल पम्प पर औसतन 12 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल मिल रहा है। केंद्र सरकार देश की तेल आयात लागत को कम करने में जुटी है।
यह है फायदा
- पर्यावरण : वाहनों में 35 प्रतिशत कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करेगी। सल्फर डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन भी एथेनॉल कम करता है। एथेनॉल में मौजूद 35 फीसदी ऑक्सीजन के चलते यह नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को भी कम करने में सहायक है। पाल्यूशन में कमी आएगी।
- आमजन : एथेनॉल में एल्कोहल जल्दी उड़ जाता है, जिसके चलते इंजन जल्द गर्म नहीं होता है। इसके अलावा ये कच्चे तेल के मुकाबले सस्ता होगा।
- निर्भरता कम होगी : अभी फ्यूल के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता है। एथेनॉल का मिश्रण बढ़ेगा तो हमें फ्यूल कम इम्पोर्ट करना पड़ेगा।
- किसान : किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। क्योंकि एथेनॉल चावल, गन्ने, मक्का और कई दूसरी फसलों के बचे भूसे से बनाया जाता है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com