बिजली विभाग के अधिकारियों में बढऩे लगी बैचेनी
कोयले की मांग पूरी करने के लिए पहुंचे छत्तीसगढ़
बीकानेर। प्रदेश में एक बार फिर बिजली संकट गहरा सकता है। इसकी वजह राज्य में कोयला के संकट के बादल गहराने लगे हैं। राज्य के दो प्लांट में एक दिन से भी कम का कोयला बचा है। इसको लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों में बेचैनी बढ़ गई है। बीजेपी की नई सरकार के सामने यह पहली बिजली संकट है।
इस बात की पुष्टि राजस्थान बिजली निगम के अध्यक्ष और प्रबंधक निदेशक आरके शर्मा ने भी की है। उन्होंने राजस्थान में कोयला संकट को लेकर संकेत दिए हैं। इसको लेकर बिजली विभाग के सीएमडी कोयला की मांग पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ भी गए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीएमडी आरके शर्मा ने स्वीकार किया है कि राजस्थान में 2 सालों से कोयले का संकट गहराया हुआ है। इसके कारण बिजली उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 7580 मेगावाट के बिजली संयंत्र है। लेकिन इनमें 4340 मेगावाट बिजली ही पैदा की जा रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्थान में कोयले का कितना संकट है। वह कोयले की इसी मांग को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ में अधिकारियों से बातचीत करने गए।
सीएमडी आरके शर्मा ने कहा है कि राजस्थान में कोयला संकट गहराया हुआ है। इसके कारण दो संयंत्र में 1 दिन से कम का कोयला बचा है। ऐसी स्थिति में बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोयला की आपूर्ति पूरी हो सके। इसलिए वह बार-बार छत्तीसगढ़ जाकर अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीइकेबी सेकंड फेज में सिर्फ एक ही खदान चालू है। उसका भी खनन रुका हुआ है। इसके कारण कोयले का संकट बढ़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि कोयला संकट दूर करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर आपूर्ति को जल्द से जल्द शुरू कराने के प्रयास कर दिए गए हैं।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com