आखिर नेता प्रतिपक्ष के नाम पर क्यों फंसा है पेच !

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After all, why is there a problem in the name of Leader of Opposition?

17 दिनों बाद भी कांग्रेस नहीं कर पाई घोषणा

सियासी गलियारों में लोग ले रहे हैं चटखारे

बीकानेर। प्रदेश में एक तरफ जहां बीजेपी की सरकार बन गई और दो दिन के लिए विधानसभा का सत्र भी हो चुका है। इसमें कुछ विधायकों को छोड़ कर सभी ने शपथ ग्रहण कर लिया है लेकिन रोचक बात यह है कि अभी तक विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष का नाम फाइनल नहीं हो पाया है। हालांकि, सचिन पायलट, हरीश चौधरी और राजेंद्र पारीक का नाम चल रहा है।


राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि यहां से एक लाइन का प्रस्ताव पास करके दिल्ली भेज दिया गया है, जहां से फैसला होना है। अब पेच यह फंस गया है कि छह महीने में लोकसभा का चुनाव है और ऐसे में यहां पर बीजेपी सभी सीटों पर जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में है। इसी लिहाज से यहां पर कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के नाम का चुनाव करना चाह रही है, जिस पर मामला पेचीदा हो गया है।

पांच दिसंबर को हुई थी बैठक


चुनाव परिणाम आने के बाद पांच दिसंबर को जयपुर में विधायक दल की बैठक हुई थी। जहां पर कांग्रेस के रिवाज के मुताबिक एक लाइन का प्रस्ताव पास कर दिया गया। अब दिल्ली से मामला फाइनल होना है। कांग्रेस विधानसभा में इस बार जाट के अलावा कई जातियों पर विचार कर रही है। सचिन पायलट और राजेंद्र पारीक पर कांग्रेस दांव लगाना चाह रही है। वहीं कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में युवाओं पर फोकस किया है। यहां भी इसी तरह के चेहरों पर फोकस करने पर विचार कर रही है।

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