मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए बदलाव से यहां नेताओं बढ़ी चिंताएं
सचिन पायलट को प्रदेश की कमान देने की चर्चाएं जोरों पर
बीकानेर। प्रदेश में अब सबकी नजरें नेता प्रतिपक्ष के नाम पर टिकी हैं। कांग्रेस भी नाम घोषित करने में अब पशोपेश में पड़ गई है। दिल्ली में इस पर मंथन और चिंतन चल रहा है। यहां के जातीय समीकरण में कांग्रेस के कई नेता फिट बैठ रहे हैं। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के नाम से कांग्रेस एक बड़ा संदेश देना चाहती है।
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार गोविन्दसिंह डोटासरा की जगह किसी ब्राह्मण या सचिन पायलट को फिर से कमान देने की भी चर्चा है। लेकिन पेंच यह फंस गया है कि अगर सचिन पायलट को नेता प्रतिपक्ष घोषित किया गया तो प्रदेश अध्यक्ष किसे बनाया जाए । जिस तरीके से मध्य प्रदेश में चुनाव हार चुके जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिली है उसी तरह से ओसियां से चुनाव हार चुकी दिव्या मदेरणा को प्रदेश अध्यक्ष की कमान दिए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। जिससे महिलाओं और युवाओं में जोश भरा जा सके।
सचिन पायलट के नाम पर इसलिए है चर्चा
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार अगले साल लोकसभा चुनाव हैं, ऐसे में कोई भी प्रदेश अध्यक्ष के लिए तैयार नहीं हो रहा है। क्योंकि जो परिणाम होगा उसका पूरा असर उसके काम पर दिखेगा। विधानसभा के चुनाव तक वह अपने पद पर भी नहीं रह पाएगा। पिछली बार सचिन पायलट पांच साल से अधिक समय तक प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। ऐसे में सचिन पायलट के नाम की चर्चा तेज है। वहीं, दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष पर हरीश चौधरी और राजेंद्र पारीक का नाम चल रहा है। कांग्रेस ब्राह्मण या जाट पर ही मुहर लगाना चाह रही है।
दो फाड़ है कांग्रेस इसलिए घोषणा में देरी-बीजेपी
कांग्रेस की ओर से प्रदेशाध्यक्ष और प्रतिपक्ष नेता का नाम नहीं घोषित करने पर बीजेपी ने भी पार्टी पर आरोप दाग दिए हैं। बीजेपी नेताओं के अनुसार कांग्रेस जैसे पांच साल तक सरकार ठीक से नहीं चला पाई वैसे ही अब नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी एकजुट नहीं है। वहां पर दो फाड़ है। इसलिए नाम आने में देरी हो रही है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com