प्रदेश और केन्द्र के नेताओं से की जाने लगी लॉबिंग
दिल्ली में शीर्षस्थ नेताओं से मंत्रणा कर रहे हैं सीएम, डिप्टी सीएम
बीकानेर। मंत्री बनने के लिए बीजेपी विधायक प्रदेश और केंद्र के नेताओं के साथ लॉबिंग करने में लग गए हैं। कई विधायक कैबिनेट में जगह पाने के लिए जोड़-तोड़ करने में जुट गए हैं। हालांकि मंत्रिमंडल भी दिल्ली से ही तय होगा लेकिन विधायक मंत्री बनने के लिए कोई भी कसर नहीं छोडऩा चाहते हैं।
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार सीएम की शपथ के बाद अब मंत्रिमंडल के गठन की कवायद तेज हो गई है। जिस तरह मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा चौंकाने वाली थी इसी तरह मंत्रिमंडल का फैसला भी चौकाने वाला हो सकता है। चूंकि मंत्रियों के नाम और विभागों का चयन भी दिल्ली से केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा इसलिए विधायकों ने केंद्र में बैठे नेताओं से जुगाड़ बैठाने की कोशिश शुरू कर दी है।
जानकारों ने बताया कि यूं तो कई विधायक मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं लेकिन भरतपुर के 5 विधायकों की ओर से ज्यादा दौड़भाग और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की जा रही है।
बताया जा रहा है कि कुम्हेर विधानसभा सीट से डॉ. शैलेष सिंह जीत कर पहली बार विधायक बने उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व राजपरिवार के सदस्य को हराया है। साथ ही डॉ. शैलेष सिंह को राजेन्द्र राठौड़ का करीबी भी माना जाता है। विधायक डॉ. शैलेष सिंह ने प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से भी मुलाकात की है।
नगर विधायक जवाहर सिंह भी संगठन में अच्छी पकड़ रखते हैं। जवाहर सिंह किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और डांग विकास बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सगठन में रहने के कारण मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफी करीब माने जाते है। उन्होंने भी केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से मुलाकात की है। इसी प्रकार नदबई विधानसभा सीट से कुंवर जगतसिंह जीत कर विधानसभा पहुंचे है। जगत सिंह पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बेटे हैं और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह के भांजे भी लगते हैं। अमरिन्दर सिंह अब बीजेपी में हैं और दिल्ली हाइकमान के नजदीकी माने जाते हैं। इसलिए जगत सिंह ने भी केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। विधानसभा चुनाव में नौक्षम चौधरी को कामां विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा गया था। चुनाव जीतकर नौक्षम चौधरी दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में हैं।
मंत्रिमंडल में अगर वसुंधरा राजे के कुछ विधायकों को जगह दी जाती है तो वैर विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक बने बहादुरसिंह कोली को मंत्री बनाया जा सकता है। बहादुरसिंह कोली चुनाव का परिणाम आने के बाद वसुंधरा राजे के पक्ष में बयान देकर सुर्खियों में आए थे और अब भी वसुंधरा राजे के संपर्क में हैं। बहादुरसिंह कोली भी केंद्र के बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं कि उन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार भरतपुर जिले के भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री का पद देकर बीजेपी ने पूर्वी राजस्थान को बड़ी सौगात दे दी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पूर्वी राजस्थान का नेता ही माना जा रहा है इसलिए किसी विधायक को मंत्री बनाना असंभव लग रहा है। वर्ष, 2013 के चुनाव में भी भाजपा ने मात्र एक विधायक कृष्णेन्द्र कौर दीपा को ही मंत्री बनाया था।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com