हिम्मत और हौसले को जिंदगी का सलाम, निकाले जा रहे हैं 41 मजदूर

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Life's salute to courage and courage, 41 laborers are being fired.

उत्तरकाशी सुरंग में पहुंचा जिंदगी का उजाला, चिकित्सकों की टीम टनल में

अंधेरे के 17 दिन, 418 घंटे खत्म, मौके पर मौजूद हर किसी के चेहरे पर खुशी की लहर

देहरादून। पिछले 17 दिनों से उत्तराखंड टनल में फंसे मजदूरों को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एक-एक कर मजदूरों को टनल से बाहर निकाला जा रहा है। सीएम पुष्करसिंह धामी सिल्क्यारा टनल पहुंच गए हैं। रैट माइनिंग टीम ने इससे पहले खुदाई का काम पूरा किया। इसके बाद टीम मजदूरों से रूबरू हुई।


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्केप टनल में आखिरी पाइप लगाए जाने के जाने के बाद मजदूर तक पहुंची रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने सभी मजदूरों को काले चश्मे दिए गए। अंधेरे में रहने के कारण मजदूरों के बाहर निकलने पर आंखों पर कोई इफेक्ट न हो, इसके लिए उन्हें बचाव दल ने यह चश्मे दिए हैं। उत्तरकाशी टनल से 17 दिन बाद फंसे 41 मजदूर अब बाहर की दुनिया में दाखिल हो रहे हैं। वहीं, रेस्क्यू ऑपरेशन की पल-पल की अपडेट पीएम नरेंद्र मोदी लेते रहे। सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ उनका संपर्क बना रहा।


टनल से बाहर निकाले जा रहे मजदूरों के लिए बाहरी भाग में गद्दे लगाए गए। उन पर बाहर निकालने के बाद उन गद्दों पर रखा गया। वातावरण के अनुकूल मजदूरों की बॉडी को तैयार करने के बाद उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मजदूरों के बॉडी टेंपरेचर और स्वास्थ्य की स्थिति की जांच के लिए मेडिकल टीम भी सुरंग के अंदर मौजूद है। वहीं, खुदाई का काम पूरा होने के बाद सीएम पुष्करसिंह धामी टनल में पहुंच गए हैं। टनल के भीतर से ही सीएम धामी पीएम मोदी से संपर्क साधे हुए हैं। 12 नवंबर को सुबह 4 बजे हादसे के बाद 41 मजदूर टनल में फंस गए थे। इस घटना के करीब 418 घंटे के बाद दोपहर करीब 2 बजे स्केप टनल के निर्माण का कार्य पूरा होने और मजदूरों तक रेस्क्यू टीम के पहुंचने की खबर ने सभी को राहत दी। आखिरकार मजदूरों की जान को बचाने में सफलता मिल गई। टनल रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह सुरंग से बाहर निकले। उनके चेहरे पर जीत की खुशी साफ दिखाई दी। वे अधिकारियों को रेस्क्यू ऑपरेशन की चर्चा करते दिखाई दिए।

टनल के पास तैनात किए गए एंबुलेंस


टनल के पास 41 मजदूरों को बाहर निकालने के बाद पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए एंबुलेंस की तैनाती की गई है। इसके अलावा एयर एंबुलेंस भी वहां तैनात किया गया है। स्केप टनल से बाहर निकाले गए मजदूरों को जल्द से जल्द अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। स्केप टनल से मजदूरों के पास एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम के सदस्य गए। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने मजदूरों को स्ट्रेचर पर लिटाकर स्केप टनल के जरिए बाहर निकालने का कार्य शुरू किया।

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