कांग्रेस बांटती नजर आ रही है मुफ्त रेवडिय़ां
गहलोत सरकार पर रोडवेज की उपेक्षा करने के आरोप
बीकानेर। राजस्थान रोडवेज के 13 हजार कर्मचारियों और अधिकारियों में चिंता है कि इस बार दिवाली पर उनके घरों में खुशियों की रौनक नहीं आएगी। रोडवेज प्रशासन की आर्थिक स्थिति देखें तो ऐसा लगता नहीं कि रोडवेज प्रशासन उन्हें दिवाली पर वेतन-पेंशन दे सकेगा। वेतन-पेंशन भी पिछले 2 माह से बकाया है। चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार मुफ्त रेवडिय़ां बांटती रही लेकिन रोडवेज कर्मचारियों को वेतन और पेंशन देने की नहीं सोची। ऐसे में अब राज्य सरकार व निर्वाचन विभाग के तुरंत दखल देने की जरूरत है।
राजस्थान रोडवेज जो प्रदेश की लाइफलाइन मानी जाती है। आज इसके अधिकारियों और कर्मचारियों के सामने विकट संकट खड़ा हो गया है। राज्य सरकार में 1 तारीख को वेतन की गारंटी रहती है, लेकिन रोडवेज में अब कर्मचारियों को 2 माह तक वेतन का इंतजार करना पड़ रहा है। रोडवेजकर्मियों को सितंबर और अक्टूबर माह का वेतन नहीं मिल सका है। अब चूंकि दिवाली के आगमन में भी महज 10 दिन बचे हैं, ऐसे में यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या रोडवेज प्रशासन कर्मचारियों को दिवाली पर वेतन-पेंशन दे सकेगा? रोडवेज की आर्थिक स्थिति फिलहाल ऐसी नहीं है कि रोडवेजकर्मियों को वेतन-पेंशन जारी किया जा सके। दरअसल, रोडवेज प्रशासन को बसों के संचालन के पेटे हर माह करीब 160 करोड़ रुपए की आय होती है। लेकिन बसों के संचालन खर्च और वेतन-पेंशन पर हर माह करीब 250 करोड़ रुपए खर्चा आता है। ऐसे में रोडवेज प्रशासन को हर माह करीब 90 करोड़ रुपए का घाटा झेलना पड़ रहा है।
दरअसल, रोडवेज के हर माह के 90 करोड़ के घाटे को देखते हुए राज्य सरकार स्तर से सहायता दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसमें 200 करोड़ की राशि प्रतिवर्ष राज्य सरकार की ओर से संचालन के लिए सहायता स्वरूप दिए जाने और 622.72 करोड़ रुपए की राशि 6 किश्तों में दिए जाने का प्रावधान किया गया है। 622.72 करोड़ की यह राशि राजस्थान ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट फंड से दी जाती है। अक्टूबर माह में कोष कार्यालय यानी ट्रेजरी से रोडवेज प्रशासन को मात्र 59.77 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। अब रोडवेज के प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कम से कम 50 करोड़ रुपए जारी करने के लिए पत्र लिखा है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com