चुनाव कार्यालयों में मौज, इन दिनों कार्यकर्ताओं के साथ दूसरे लोगों के लिए भी चुनाव कार्यालयों में बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध।
बीकानेर। जैसे-जैसे चुनाव का दिन नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे प्रत्याशियों के चुनावी कार्यालयों में सुविधाओं के बन्दोबस्त बढ़ते नजर आ रहे हैं।
चुनावी कार्यालयों में चाय तो चौबिसों घंटे तैयार मिल रही है, खाना भी दोनों टाइम का, घूमने के लिए वाहन भी उपलब्ध और पेट्रोल सहित अन्य बहुत कुछ सुविधाएं कार्यकर्ताओं के साथ राजनीति में रुचि रखने वालों को उपलब्ध करवाई जा रही है।
चुनाव प्रचार को गति देने के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ-साथ अन्य दलों के मुख्य कार्यालयों में इन दिनों समारोह जैसा माहौल है। लगभग सभी पार्टी प्रत्याशियों के चुनाव कार्यालयों में कार्यकर्ताओं के लिए पूरे बंदोबस्त किए गए हैं।
चाय तो सभी जगह सुलभ है। कहीं-कहीं नाश्ते की भी व्यवस्था की गई है। खाने और रात के पीने के इंतजाम के चर्चे भी खूब हो रहे हैं। प्रचार में जुटे कार्यकर्ताओं के वाहनों के लिए तेल की पर्ची भी चर्चा में आ रही है।
प्रमुख राजनीतिक दलों के चुनाव कार्यालय में कार्यकर्ताओं के लिए पानी और चाय की टंकियां रखी गई हैं तो वहीं एक अन्य पार्टी प्रत्याशी कार्यालय में चाय के साथ बिस्किट व नमकीन भी परोसे जा रहे हैं।
यहां चाय और बिस्किट व नमकीन उन्हीं को मिल रहे हैं, जिन्हें कार्यालय प्रभारी व कार्यालय का संचालन करने वाले जानते हैं।
भाजपा के एक प्रत्याशी के कार्यालय में सुबह की चाय से रात के भोजन तक सभी इंतजाम की चर्चा लोगों में की जा रही है। चाय- खाने के लिए तो अलग से भवन की व्यवस्था भी हो रखी है।
यहां दिन भर कार्यकर्ताओं की आवाजाही रहती है। लगभग सभी को चाय-नाश्ता कहां से मिल रहा है, इसकी जानकारी भी है। इस कार्यालय में राह चलते भी मौज उड़ा रहे हैं।
शहर के एक प्रत्याशी ने तो अपने चुनाव कार्यालय के साथ-साथ एक अन्य स्थान पर भी भवन हायर कर रखा है। यहां वीआईपी कार्यकर्ताओं के लिए रहना, खाना व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
कहने को तो निर्वाचन आयोग ने चुनाव में खर्च की सीमा 28 लाख रुपए तय कर रखी है। लेकिन अभी 22 नवम्बर के बाद खुले इन चुनावी कार्यालयों में दी जा रही सुविधाओं को देख कर यह अंदाजा सहज ही लग जाता है कि चुनाव खर्च निर्धारित राशि से कितना गुना ज्यादा किया जा रहा है।