कर्ज में डूब रहा राजस्थान …,आरबीआई की रिपोर्ट में सामने आए आंकड़े

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Rajasthan is drowning in debt..., figures revealed in RBI report

चुनाव के लिए योजनाओं का किया गया ऐलान

अगस्त माह तक प्रदेश का कर्ज बढक़र हुआ 5,37,013 करोड़ रुपए

बीकानेर। सत्ता के शिखर तक पहुंचने के लिए राजनीतिक पार्टियां पूरा दमखम लगा रही हैं। प्रदेश की सरकार ने जहां एक के बाद एक घोषणाए की हैं, वहीं बीजेपी भी वोटर्स को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही। ऐसे में सवाल ये है कि इन योजनाओं को पूरा करने के लिए पैसा आएगा कहां से आएगा? अगर सरकार कर्ज भी लेती है तो इसे चुकाने के लिए क्या तरीका अख्तियार किया जाएगा।


राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार चुनाव से पहले वोटर्स को लुभाने के लिए योजनाओं के जरिए बहुत पैसा बहाया जा रहा है। प्रदेश में इस तीमाही यानी अप्रैल से अगस्त तक सरकार 12,288 करोड़ कर्ज ले चुकी है, जबकि अक्टूबर-दिसंबर में 14000 करोड़ और कर्ज लेगी। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार तो 2022-23 के दौरान प्रदेश का कर्ज बढक़र 5,37,013 करोड़ रुपए हो गया है। जो एक साल पहले 4,58,089 करोड़ रुपए था। राजस्थान सरकार भी बॉन्ड बाजार में जा रही है। पंजाब के बाद ये प्रदेश देश में सबसे ज्यादा कर्ज में डूबा हुआ है। वोटर्स को लुभाने के लिए राज्य सरकार फ्री ब्री योजनाएं या जिन्हें सामाजिक न्याय की योजनाएं बता रही है, उन पर जमकर पैसा बहा रही है। पिछले 6 महीने में आधा दर्जन बड़ी योजनाओं में काफी पैसा आवंटित किया गया है।

  1. राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना से लगभग 1.10 करोड़ लोगों को लाभ देने की योजना है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अंतर्गत आने वाले परिवार इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इस योजना में लाभार्थी को एक सीलबंद पैकेट में एक किलो दाल, एक किलो चीनी, एक किलो नमक, 100 ग्राम मिर्च पाउडर, 100 ग्राम धनिया पाउडर, 50 ग्राम हल्दी पाउडर के साथ एक लीटर रिफाइंड तेल दिया जा रहा है। इस योजना के लिए सरकार सालाना 4,500 करोड़ खर्च करेगी।
  2. मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना 2023 के तहत चिरंजीवी परिवार की महिलाओं को सरकार की ओर से स्मार्टफोन निशुल्क दिए जा रहे हैं। इस योजना का लाभ 1 करोड़ 35 लाख महिलाओं को दिया जाना है। मोबाइल फोन के लिए कोई पैसा नहीं लगेगा। फ्री मोबाइल योजना 2023 के तहत स्मार्टफोन के साथ 3 साल का डाटा और कॉलिंग भी मुफ्त मिलेगी। योजना का बजट 1200 करोड़ रुपये है।
  3. राज्य में ग्रिड से जुड़े 1 करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को कांग्रेस सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप राजस्थान में 1 जून से प्रत्येक घर को हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त दे रही है। इस योजना से राज्य के खजाने पर सालाना 7,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा है।
  4. राजस्थान सरकार ने इस साल वरिष्ठ नागरिकों के लिए वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने की भी घोषणा की है। इस पेंशन योजना में हर साल 15 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। बढ़ी हुई पेंशन से सालाना 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें केंद्र सरकार का योगदान लगभग 367 करोड़ रुपये होगा।
  5. राजस्थान सरकार ने इसी साल उज्ज्वला योजना के तहत 76 लाख परिवारों को कवर करते हुए उपभोक्ताओं के लिए 500 रुपये प्रति यूनिट एलपीजी सिलेंडर की घोषणा की। इससे सरकार पर हर साल 750 करोड़ रुपये का अनुमानित बोझ बढ़ेगा।

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