वोटिंग परसेंट पर होगा सीधा असर
मतदान तिथि के चयन पर निर्वाचन आयोग के निर्णय पर आश्चर्य
बीकानेर। राजस्थान में 23 नवम्बर को मतदान का दिन घोषित करने के निर्वाचन आयोग के निर्णय का विरोध होना शुरू हो गया है। 23 नवम्बर को देव उठनी एकादशी है और इस दिन अबूझ सावा होने की वजह से शादियों की भरमार होती है। ऐसे में उस परिवार से जुड़े लोग मतदान से वंचित रह जाएंगे जिनके घरों में शादी समारोह होंगे। देव उठनी एकादशी पर चुनाव कराने का सीधा असर मतदान के प्रतिशत पर भी पडऩे वाला है।
जानकारों के अनुसार देव उठनी एकादशी पर हर वर्ष यहां काफी तादाद में शादियां हुई थी और इस बार भी ऐसा ही अनुमान लगाया जा रहा है। देव उठनी एकादशी जहां पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा, वहीं जिस परिवार में शादी समारोह है और उससे जुड़े व्यवसाय करने वाले जिसमें टेंट, हलवाई, फोटोग्राफर, बैंड, फूल वाले, बस संचालक, मैरिज गार्डन और पंडित सहित कई लोग भी इन कार्यों में व्यस्त रहेंगे। कुछ बारातें बाहर जाएंगी तो कुछ बारातें आएंगी। ऐसे में इसका सीधा असर मतदान पर पड़ेगा। जिला प्रशासन के द्वारा चुनावी कार्य के लिए निजी वाहनों को अधिग्रहण किया जाता है। 23 नवंबर को देवउठनी है और शादियों वाले घर में बरातियों को लेकर जाने के लिए बसों को बुक किया गया है लेकिन ये सभी बसें चुनावों में अधिग्रहण हो जाएंगी।
बस मालिकों का ये है कहना
इससे बारातियों को अब बारात ले जाने के लिए बस नहीं मिलेगी। बस मालिकों के अनुसार जैसे ही मतदान का दिन देवउठनी एकादशी पर होने की घोषणा किया जाना सही नहीं है। यह निजी बस मालिकों के लिए बहुत नुकसान वाली बात है क्योंकि इस दिन बड़ा सावा होने के लिए सभी बसें बुक रहती हैं। ऐसे में अब चुनाव कार्य के लिए अपनी बसों को देने के बाद में वह कहां से बारातियों को बस उपलब्ध करवा सकेंगे। वहीं राजस्थान बस एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि अब चुनाव आयोग ने जब 23 नंबवर को मतदान दिवस घोषित कर दिया गया है तो उसको तो कोई क्या कर सकता है।
वहीं राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों का कहना है कि देव उठनी एकादशी हिंदू धर्म का बड़ा पर्व है और अबूझ सावा होने से लोग मतदान से वंचित रह जाएंगे। इस दिन शादी समारोह अधिक होते हैं, एक शादी में वर और वधू पक्ष के सैकड़ों लोग शामिल होते हैं। देव उठनी एकादशी पर चुनाव होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। शादी समारोह की धूम रहेगी और उसी दिन चुनाव होगा। चुनाव आयोग को इस पर विचार करना चाहिए। संभव हो सके तो तारीख चेंज होनी चाहिए। निर्वाचन विभाग को इस पर विचार कर इस दिनांक को बदलना चाहिए।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com