मिशन रिपीट को ध्यान में रखकर सीएम गहलोत कर सकते हैं इसकी घोषणा
दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस कर रही है हरसंभव प्रयास
बीकानेर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनाव के ऐलान से ठीक पहले तीन जिलों की घोषणा कर मास्टर स्ट्रोक चला है। अब मिशन रिपीट को ध्यान में रखकर सीएम गहलोत एक और बड़ा दांव खेल सकते हैं। प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट में कटौती कर आचार संहिता लगने से पहले मुख्यमंत्री गहलोत आम जनता को बड़े राहत प्रदान कर सकते हैं।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार प्रदेश में लंबे समय से पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वेट को कम करने की मांग उठ रही है। चुनावी दिनों में इसे लेकर राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन भी विरोध प्रदर्शन कर रहा है। प्रदेश में अभी पेट्रोल पर 31.4 प्रतिशत वेट के साथ ही 1.5 रुपए प्रति लीटर रोड डेवलपमेंट सैस भी वसूला जा रहा है। साथ ही डीजल पर 19.30 प्रतिशत वेट के साथ 1.75 रुपए प्रति लीटर से वसूली की जा रही है।
वहीं पड़ोसी राज्यों की बात की जाए तो मध्य प्रदेश में डीजल पर 19 प्रतिशत, पंजाब में 9.92 प्रतिशत, हरियाणा में 16 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 17.8 प्रतिशत, गुजरात में 14.9 प्रतिशत और दिल्ली में 16.75 प्रतिशत वैट की वसूली की जा रही है। सभी पड़ौसी राज्यों के मुकाबले राजस्थान में वैट ज्यादा है।
हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार कहते आए हैं कि केंद्र सरकार को एक्साइज ड्यूटी घटानी चाहिए, ताकि प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के दाम कम हो सके लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत चुनाव के मद्देनजर माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट में कटौती कर जनता को बड़ी राहत दे सकते हैं।
राजनीतिक पंडितों का तो यह भी कहना है कि पिछले साढ़े चार वर्षों से सीएम गहलोत को पेट्रोल व डीजल के दाम कम करने की याद नहीं आई लेकिन अब चुनाव नजदीक आने के साथ ही सीएम गहलोत और उनकी सरकार को इसकी याद आ गई। दरअसल, दोबारा सत्ता हासिल करने की जुगत में ये सब निर्णय किए जा रहे हैं।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com