औचित्यहीन रहा सीएम का दौरा, हेलीपैड तक सिमटे स्थानीय नेेता

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CM's visit was unjustified, local leaders confined to helipad

मुख्य कार्यक्रम के दौरान खाजूवाला को बीकानेर जिले मेें ही रखने के लगे नारे

रामझरोखा आश्रम पहुंच कर कांग्रेस ने दिया सॉफ्ट हिन्दूत्व का संदेश

बीकानेर। चुनावों के दिनों में नेताओं के राजनीतिक दौरे और चुनावी सभाएं होना स्वाभाविक है लेेकिन शनिवार को सीएम अशोक गहलोत का बीकानेर दौरा औचित्यहीन नजर आया। सीएम के एक दिवसीय दौरे की सबसेे खास बात यह नजर आई कि पार्टी के ज्यादातर स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपनी मौजूदगी सिर्फ हेलीपैड तक ही सीमित रखी। सीएम के अन्य कार्यक्रमों में स्थानीय नेताओं की मौजूदगी बहुत ही कम नजर आई।


गौरतलब है कि हेलीपैड के बाद सीएम गहलोत सीधे एमएम ग्राउंड पहुंचे तो यहां उनके मंत्रियों, विधायकों और संगठन के पदाधिकारी तो रहे लेकिन स्थानीय नेता कहीं नजर नहीं आए। जबकि वे इससे पहले सीएम गहलोत की मौजूदगी वाले हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में अवश्यरूप से दिखाई देेते रहेे हैं। वहीं एमएम ग्राउंड मेें हुए मिशन 2030 संवाद कार्यक्रम में सीएम युवाओं और उद्यमियों से संवाद के लिए पहुंंचे थे लेकिन कार्यक्रम के दौरान ही मौजूद लोगों ने खाजूवाला को बीकानेर जिले में ही रखने, टिकट के लिए अपनी दावेदारी जताने और अपने चहेते नेता के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। राजनीतिक पंडितों के अनुसार सीएम का यह दौरा सिर्फ दावेदारों और चापलूसों तक ही सीमित रहा। आमजन पर इस दौरे का कोई प्रभाव दिखाई नहीं दिया।

धार्मिक कार्यक्रम से राजनीतिक लाभ लेने की हुई कोशिश


वहीं शाम के वक्त सीएम गहलोत अपने लवाजमे के साथ सुजानदेसर स्थित रामझरोखा कैलाश धाम पहुंचे और वहां एक दिवसीय विष्णु यज्ञ में आहुतियां दी। सीएम के साथ वहां पहुंचे पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा, शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, आपदा प्रबंधन मंत्री गोविन्दराम मेघवाल व ऊर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने भी यज्ञ में आहुतियां दी। इस अवसर पर उन्होंने सियारामजी गुरु महाराज की समाधि के दर्शन कर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद पूज्य रामदास महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। वहीं उन्होंने 19 नवम्बर से 27 नवम्बर तक गंगाशहर-भीनासर गोचर स्थल में आयोजित होने वाले 108 कुंडीय महायज्ञ एवं रामचरित मानस पाठ आयोजन के एक पोस्टर का विमोचन भी किया।

उनके इस कार्यक्रम के दौरान ही आयोजन को लेकर चर्चाएं होने लगी कि ये तो धार्मिक कार्यक्रम है, इसमें राजनीतिक लोगों का क्या काम। कुछ लोगों का तो यह तक मानना है कि इस पवित्र धाम में पहुंच कर सीएम गहलोत ने कांग्रेस की ओर से सॉफ्ट हिन्दूत्व का संदेश देने और राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की है।
जानकार लोगों के अनुसार इस आयोजन में सहयोग करने वाले कुछ प्रतिष्ठित भामाशाह ने सीएम गहलोत और उनके अन्य नेताओं के समक्ष अपना राजनीतिक रसूख,समाजिक प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए ही इस धार्मिक आयोजन स्थल पर यह राजनीतिक कार्यक्रम की रुपरेखा रची थी।

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com

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