सरकार को विपक्षी नेताओं ने याद दिलाए घोषणा पत्र के वादे
बीकानेर। किसानों पर बढ़ता कर्ज और वसूली के लिए बैंकों के नोटिस। खराब फसल और अन्य परिस्थितियों के कारण कर्ज नहीं चुकाने पर जमीनों की कुर्की विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। विपक्ष की ओर से गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए जाने लगे हैं।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा की ओर से कहा गया है कि ‘घोषणापत्र में तो सहकारी बैंकों के कर्ज माफ करने की बात नहीं हुई थी। लेकिन अब सरकार केवल सहकारी बैंकों के कर्ज माफ करने की बात कह रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने कहा है कि पांच साल में हजारों किसानों की जमीन कुर्क हो गई। लेकिन अशोक गहलोत सरकार ने किसानों की सुध नहीं ली। कांग्रेस ने साल, 2018 में चुनावी घोषणा पत्र में किसान कर्ज माफी का वादा किया था।
उस समय कांग्रेस ने यह नहीं कहा था कि केवल सहकारी बैंकों का ही कर्ज माफ करेंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कर्ज माफ करने का वादा किया था। उन्होंने भी सहकारी बैंकों तक ही सीमित रहने की बात नहीं कही थी। कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है। किसान वर्ग चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाएगा। भाजपा विधानसभा चुनाव में इस मुददे को लेकर किसानों के बीच जाएगी।
सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी दागे सवाल
वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी गहलोत सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कांग्रेस के नेताओं की सभा में आरएलपी के कार्यकर्ता किसानों के साथ मिलकर पूछेंगे कि कर्ज माफी का वादा पूरा क्यों नहीं किया गया?
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com