विशिष्ट न्यायालय-एससी/एसटी मामलात ने दिया दण्डादेश
दोषियों में दो महिलाएं भी हैं शामिल
बीकानेर। न्यायालय एससी/एसटी कोर्ट के न्यायिक अधिकारी विनोदकुमार वाजा ने एससी/एसटी एक्ट और हत्या से जुड़े मामले में निर्णय करते हुए मुलजिमान को आजीवन कारावास व अर्थदंड से आठ व्यक्तियों को दंडित किया है।
लोक अभियोजक कुंवर कुन्दन व्यास ने बताया कि गवाहान के बयानात व दस्तावेजात वजह सबूत, एफएसएल व हथियारों की रिर्पोट व मौका की रिर्पोट के आधार पर अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाते हुए सभी चार्ज को प्रमाणित माना। मुलजिमान जेठाराम, डेलूराम, धन्नाराम, चीमादेवी, ईमादेवी, मनोहरलाल घासीराम व सीताराम को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी व अर्थदंड के रूप में दो हजार रूपये से दंडित किया गया है। पीडि़त पक्ष मेघवाल जाति के थे। उन्होंने बताया कि मुलजिम रेखाराम, रतिराम, चतराराम, दीपाराम को साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया है व दीपाराम की दौराने अन्वीक्षा मृत्यु हो जाने के कारण उसके विरूद्ध कार्यवाही ड्रॉप की गयी।
ये है प्रकरण
लोक अभियोजक कुंवर कुन्दन व्यास के अनुसार दिनांक 1 फरवरी, 2006 को सोनियासर मिठिया बास श्री डूंगरगढ़ में रामकरण, श्रवणराम, तीजा जाति मेघवाल जो कि इस मामले में परिवादीगण हैं के खेत में रेखाराम, जेठाराम, डेलूराम, दीपाराम, धन्नाराम, चीमादेवी, ईमादेवी, मनोहरलाल, रतिराम, चतराराम, देवाराम, घासीराम, सीताराम ने अपने हाथों में गण्डासी, लाठी,जेई जैसे हथियारों से लैस होकर श्रवणराम, रामकरण, तीजा पर जानलेवा हमला कर दिया था। जिससे परिवादी रामकरण के शरीर पर गंभीर चोटे आने के कारण दौराने इलाज उसकी मृत्यु हो गयी व श्रवणराम व तीजादेवी के गंभीर चोटे आयीं थी न्यायालय में इनके विरुद्ध चालान प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय में धारा 147, 148, 302, 302/149, 323, 323/149, 307, 325, 325/149 व 3 एससी/एसटी एक्ट का चार्ज मुलजिमान के विरुद्ध लगाया गया। न्यायालय के समक्ष विशिष्ठ लोक अभियोजक ने अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल 30 गवाहान के बयान करवाये गये व हथियारों व मेडिकल रिपोर्ट व एफएसएल आदि को प्रदर्शित करवाया गया। बचाव पक्ष की ओर से तीन गवाह के बयान करवाये गये।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com