दर्ज होगा मुकदमा, चैटिंग को लेकर बदले गए नियम
सोशल मीडिया पर बढ़ा दी गई निगरानी, खुफिया विभाग रख रहा है पैनी नजरें
बीकानेर पुलिस की ओर से भी जारी की गई है एडवायजरी
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com
बीकानेर। मणिपुर और नुंह वाइलेंस को लेकर सरकार ने अन्य राज्यों को भी अलर्ट जारी किया है। ऐसे में सबसे ज्यादा निगरानी व्हाट्सएप की बढ़ाई गई है। बताया जा रहा है कि यदि किसी ने भी गलती करने की सोची तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। एक छोटी सी गलती आपको सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए काफी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार की चेतावनी के मुताबिक यदि किसी ने भूल से भी कोई कॉन्ट्रोवर्शियल मैसेज फॉरवर्ड (विवादित मैसेज) कर दिया तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है। जिसके लिए उसको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है।
ग्रुप चैटिंग पर ज्यादा पाबंदी
दरअसल, जैसे-जैसे आधुनिकता की दौड़ ने मानव जीवन को आसान कर दिया है। वैसे ही कई खतरे भी इससे पैदा हुए हैं। क्योंकि सोशल मीडिया पर एक गलत मैसेज अशांति पैदा करने के लिए काफी है। इसलिए सरकार ने खासकर व्हाट्सएप पर ग्रुप चैटिंग पर निगरानी बढ़ा दी है। यदि किसी ने भी धार्मिक भावनाएं भडक़ाने वाला मैसेज या वीडियो शेयर की है। तो ग्रुप एडमिन के साथ संबंधित व्यक्ति के खिलाफ पुलिस कार्रवाई होना निश्चित है। क्योंकि स्वाधीनता दिवस के सिर्फ 13 दिन ही शेष बचे हैं। ऐसे में किसी भी कंट्रेवर्शियल मैसेज को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
खुफिया विभाग की पैनी नजर
सूत्रों का दावा है कि यदि कोई भी व्यक्ति झूठ या भ्रम फैलाने की कोशश करने या प्रोपोगेंडा के लिए कोई मैसेज भेजता है तो उसका जेल जाना तय है। क्योंकि सोशल मीडिया एकाउंट्स पर खुफिया विभाग की इन दिनों पैनी नजर है। ऐसे में एक गलत मैसेज सिर्फ ग्रुप एडमिन ही नहीं, बल्कि ग्रुप के अन्य सदस्यों के लिए भी खतरा बन सकता है। क्योंकि कई बार व्हाट्सएप पर ऐसे मैसेज आ जाते हैं जो पूरी तरह से आधारहीन होते हैं। ऐसे मैसेज कई बार जनता में भ्रम की स्थिति भी पैदा कर देते हैं। जब देश अपना 76वां स्वाधीनता दिवस बड़े ही धूमधाम से मना रहा हो। ऐसे में कोई भी तनाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि बीकानेर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम की ओर से एडवायजरी जारी की गई है, जिसमें पुलिस की ओर से हिदायत दी गई है कि किसी भी तरह की झूठी खबर, धार्मिक भेदभाव से जुड़ी अनर्गल बातों और अफवाह फैलाने वाली पोस्ट को व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर, इन्स्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स पर शेयर या पोस्ट नहीं करें। ऐसे कृत्य भी कानूनन अपराध हैं। फेक न्यूज, भ्रामक खबरों और अफवाहों से दूर रहें। सौहार्द बिगाडऩे से जुड़ी खबरें फॉरवर्ड करने पर भी कोई भी जेल जा सकता है।