प्रदेश चुनाव समिति में 90 प्रतिशत सदस्य गहलोत गुट के
पायलट गुट के सिर्फ तीन सदस्य प्रदेश चुनाव समिति में
बीकानेर। कांग्रेस हाइकमान ने एक बार फिर सचिन पायलट के बजाय अशोक गहलोत गुट को तवज्जो दी है। विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बनाई गई प्रदेश चुनाव समिति में गहलोत के सबसे नजदीकी नेता गोविन्दसिंह डोटासरा को चेयरमैन बनाया गया है। साथ ही इस समिति के 29 सदस्यों में से 90 फीसदी सदस्य गहलोत गुट के हैं। पायलट गुट के सिर्फ 3 सदस्यों को इस समिति में शामिल किया गया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान ने एक बार फिर अशोक गहलोत को तवज्जो देकर सचिन पायलट को हाशिये पर धकेल दिया है।
सियासी गलियारों से जुड़े सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट के बीच बीते तीन साल से तलवारें खिंची हुई थी। पायलट ने तीन-चार बार गहलोत को चुनौती देते हुए तल्ख तेवर दिखाए थे। गहलोत को खुली चुनौती देते पायलट ने तीन बार बगावती तेवर दिखाए। जबकि कांग्रेस आलाकमान ने हर बार अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह कराई। पायलट को बार बार आश्वासन देकर राजी किया गया।
जब-जब सचिन पायलट ने तल्ख तेवर दिखाए। तब तब कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को जैसे-तैसे मना लिया। बताया जा रहा है कि पायलट को विधानसभा चुनावों में बड़ी जिम्मेदारी देने का भरोसा दिया गया था। उन्हें चुनाव समिति का चेयरमैन बनाए जाने की चर्चाएं थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। चुनाव समिति की कमान गहलोत के खासमखास नेता डोटासरा को दे दी गई। पायलट को डोटासरा के अधीन समिति का सदस्य बनाया गया है। कुछ दिनों पहले ऐसी भी खबरें आई कि पायलट को फिर से प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है लेकिन ऐसी खबरों पर भी अब पानी फिर गया है। जब उन्हें चुनाव समिति की जिम्मेदारी भी नहीं दी तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने की उम्मीद करना बेकार है।
पायलट गुट के सिर्फ 4 नेता हैं समिति में, शेष 25 नेता गहलोत गुट के
कांग्रेस हाइकमान की ओर से बनाई गई प्रदेश चुनाव समिति में सचिन पायलट गुट के सिर्फ 4 सदस्यों को शामिल किया है जिनमें एक स्वयं सचिन पायलट हैं। पायलट के अतिरिक्त मुरारीलाल मीणा, जितेन्द्र सिंह और रघुवीर मीणा ही पायलट गुट के हैं। गहलोत गुट की बात करें तो चेयरमैन डोटासरा सहित खुद गहलोत और 23 अन्य सदस्य शामिल हैं। इनमें रमेश मीणा पहले पायलट गुट में शामिल थे, बाद में उन्होंने पाला बदल लिया। पायलट की ओर से किए गए अनशन और जनसंघर्ष यात्रा में वे शामिल नहीं हुए और पायलट की जनसभा से भी गायब रहे। इस समिति के बनने के बाद अब कांग्रेस की कलह एक बार फिर से उजागर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com