वन विभाग के उच्च अधिकारी अपने चहेतों को दे रहे हैं बैक एन्ट्री
बीकानेर। नियम-कायदों को ताक पर रखकर किस प्रकार उच्च अधिकारी अपने चहेतों को उनकी मनमाफिक जगह पर पदस्थापन कर रहे हैं, इसका उदाहरण वन विभाग में देखा जा सकता है। वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने सरकार के द्वारा निर्धारित किए गए मापदण्डों को दरकिनार करते हुए अपने चहेते रेंजर को तबादला करते हुए उनके गृह जिले में पदस्थापित कर दिया।
राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के संरक्षक ताज मोहम्मद ने बताया कि विभिन्न वनमंडलों में रेंजर वन सुरक्षा एवं रेंजर वन विकास के सृजित पदों पर गृह जिले में रेंजर क पदस्थपन सरकार द्वारा जारी स्थानांतरण-पदस्थापन नीति के उल्लंघन है। साथ ही सरकार द्वारा जारी स्थानांतरण-पदस्थापन नीति के बिन्दु संख्या 1.3 (२) ग में ‘गृह जिले में पदस्थापन का अधिकारी प्रशासनिक विभाग को रहेगा कि प्रकरण दर प्रकरण आधार पर आवेदनों में से निर्धारित किया जावेगा।’ वहीं स्थानांतरण-पदस्थापन नीति के बिन्दु संख्या 1.3 (२) क, ख व ग में निर्धारत शर्तो की पालना कर वन विभाग में सिर्फ पांच प्रकार के कार्यालयों 1-राज्य स्तरीय प्रधान मुख्य वन संरक्षक का कार्यालय, 2-संभागीय मुख्य वन संरक्षक का कार्यालय, 3-मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) का कार्यालय, 4-वानिकी प्रशिक्षण कार्यालय व 5-अनुसंधान कार्यालय में ही गृह जिले में रेंजर के पदस्थापन की छूट दी गई है।
इन नियमों के बाद भी वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाते हुए अपने चहेते रेंजरों को उनकी मंशा के अनुसार गृह जिलों रेंजर ग्रेड-सैकंड व रेंजर ग्रेड-फस्र्ट का पदस्थापन-स्थानांतरण गृह जिले में कर दिया है।
राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के संरक्षक ताज मोहम्मद ने बताया कि हाल ही में वन विभाग द्वारा 255 वनपाल को रंजर ग्रेड-सैकंड के पद पर पदोन्नत किया गया है एवं नव पदौन्नति पर रेंजर ग्रेड-सैकंड के पद पर पदस्थापन के आदेश वन विभाग की ओर से जल्दी ही जारी किए जाने वाले हैं। इसके साथ ही 19 रेंजर ग्रेड-सैकंड को रेंजर ग्रेड-फस्र्ट के पद पर नव पदोन्नति पर पदस्थापित किया जाएगा। कुल मिलाकर वन विभाग के उच्च अधिकारी भ्रष्टाचार करते हुए अपने चहेते कर्मचारियों को गृह जिले में स्थानांतरित-पदस्थापित कर रहे हैं और सरकार आंखें मूंदे बैठी है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com