जोधपुर, उदयपुर, अजमेर और कोटा को बनाया जा रहा है 3डी शहर, मंजूर किए 109.75 करोड़ रुपए
आखिर कांग्रेस का बीकानेर के प्रति ये उदासीन रवैया कब तक
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com
बीकानेर। कांग्रेस के शासन में एक बार फिर से बीकानेर की उपेक्षा की गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर, अजमेर, उदयपुर और कोटा को 3 डी शहर बनाने की मंजूरी दे दी है। साथ ही मुख्यमंत्री ने इन चारों शहरों के लिए 109.75 करोड़ रुपए भी मंजूर कर दिए हैं। बीकानेर की उपेक्षा किए जाने पर एक बार फिर से यहां के बाशिन्दों में कांग्रेस के प्रति आक्रोश उत्पन्न होने लगा है।
जयपुर बैठे सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के चार शहरों को 3 डी शहर बनाया जाएगा। ये चारों शहर अब हाइटेक हो जाएंगे। 3 डी शहर बनने के बाद जोधपुर, अजमेर, उदयपुर और कोटा की तस्वीर बदल जाएगी। ये चारों शहर जियोग्राफिक इनफॅार्मेशन सिस्टम आधारित मॉडल बनेंगे। कुछ महीनों बाद ही विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने इन चारों शहरों को 3डी बनाने के लिए 109.75 करोड़ रुपए का बजट भी जारी कर दिया है। प्रदेश के मुख्य तौर पर छह शहर प्रमुख हैं, जिनमें बीकानेर भी शामिल है। राजनीतिक पंडितों के अनुसार सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात तो यह है कि बीकानेर जिले से तीन विधायक गहलोत सरकार में मंत्री हैं। कांग्रेस के चार बड़े नेता बोर्ड के अध्यक्ष पद पर नियुक्त हैं और राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त हैं। इसके बावजूद कांग्रेस सरकार का बीकानेर के साथ इस प्रकार का उदासीन रवैया सभी को हैरत में डालने वाला है। कुछ महीनों बाद ही प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में बीकानेर की उपेक्षा करने का निर्णय कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है।
किया जा सकेगा वर्चुअल टूर भी
जानकारी के मुताबिक शहरों के मास्टर प्लान में लैंड यूज प्रस्तावित करना, नई सड़कों, फ्लाईओवर, ड्रेनेज प्लान, नई कॉलोनियों के निर्माण व विस्तार सहित अलग-अलग कामों को जमीन पर उतारा जाएगा। इससे नगर नियोजन के आंकलन और योजना बनाने में आसानी होगी। विकसित 3डी मॉडल का वर्चुअल रियलिटी से, शहर का वर्चुअल टूर भी किया जा सकेगा।
ये होती है 3डी सिटी
जानकारी के अनुसार 3डी या थ्री-डायमेंशनल मैपिंग एक तकनीक है, जिसकी मदद से किसी भी जगह की डिजिटल त्रिविमीय आकृति तैयार की जा सकती है। उदाहरण के तौर पर अगर हम मुंबई शहर को ही लेलें तो इस तकनीक से यहां के प्राकृतिक क्षेत्रों जैसे कि वाटर बॉडीज, खुली जगहों, पेड़ों, सड़कों और इमारतों आदि का एक डिजिटल नक्शा तैयार किया जा सकता है।