बार एसोसिएशन, बीकानेर के तत्वाधान में वकीलों ने समलैंगिकता के विरोध में भेजा राष्ट्रपति को ज्ञापन

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Lawyers under the auspices of Bar Association, Bikaner sent a memorandum to the President against homosexuality

एडीएम सिटी को ज्ञापन सौंप कर समलैंगिक विवाह के अधिकार का जताया विरोध

बीकानेर। बार एसोसिएशन, बीकानेर के तत्वाधान में वकीलों ने आज समलैंगिकता के विरोध में राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। बार अध्यक्ष बिहारीसिंह राठौड़ के नेतृत्व में गए वकीलों के प्रतिनिधिमण्डल ने एडीएम सिटी पंकज शर्मा को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपा।


इस अवसर पर बार अध्यक्ष बिहारीसिंह राठौड समलैंगिक विवाह को विधिमान्य देने से भारतीय समाजिक, सांस्कृतिक ढांचे पर प्रहार होना मानते हुए इसे प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्तों के विपरीत बताया। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व सभापति मुमताजअली भाटी ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ‘नालसा 2014’ व ‘नवतेज जौहरी 2018’ के मामलों में समलैंगिकों एंव विपरीत लिंगी के अधिकारों को पुर्व से ही संरक्षित किया हुआ है। ऐसी स्थिति में समान लैंगिंकों के विवाह को विधिमान्यता दिये जाने की मांग उनका मौलिक अधिकार न होकर वैधानिक अधिकार हो सकता है जो केवल भारत की संसद के द्वारा ही संरक्षित किया जा सकता है।


इस अवसर पर अधिवक्ता परिषद् की बीकानेर ईकाई के अध्यक्ष सत्यपाल सिंह ने कहा कि विवाह एक सामाजिक कानूनी संस्था है। जिससे भारत के संविधान के अनुच्छेद 246 के अन्तर्गत सक्षम विधायिका द्वारा अपनी शक्ति का उपयोग कर बनाया है। न्यायालय विवाह नामक संस्था न्यायिक व्याख्या से विधायिका द्वारा दिये गये विवाह संस्था के मूर्त स्वरूप को ना तो नष्ट कर सकती है, ना ही मान्यता दे सकती है और ना ही नवीन स्वरूप बना सकती है।
इसी क्रम में अधिवक्ता मधुबाला मंगे ने कहा कि समलैंगिक विवाह को विधि मान्यता देने से स्वतन्त्र भारत में भारत की संस्कृति जडों पर पश्चिम विचारों, दर्शनों एंव प्रथाओं के अधिरोपण का अपवित्र प्रयास है जो राष्ट्र की संस्कृतिक ढांचे के लिए घातक है।


ज्ञापन देने पहुंचें वकीलों में बार काउन्सिल सदस्य कुलदीप शर्मा और बार एसोसिएशन सचिव हितेशकुमार छंगाणी, बार के उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र वर्मा, साजिद मकसूद, प्रवक्ता अरविन्दसिंह शेखावत, कोषाध्यक्ष आसू पारीक, सहसचिव मनोज बिश्नोई, पूर्व अध्यक्ष विवेक शर्मा, अविनाश व्यास, रघुवीरसिंह राठौड. राजेन्द्र किराडू, चतुर्भुज सारस्वत, सोमदत्त पुरोहित, विनोद पुरोहित, प्रेरणा जैन, शान्ति शर्मा, भावना बिन्नाणी, अर्चना व्यास, उमाशकंर बिस्सा, मुकेश आचार्य, वेकेंट व्यास, गिरीराज व्यास, निर्मल व्यास, राजू कोहरी, तेजकरण गहलोत, राधेश्याम सेवग सहित काफी तादाद में अधिवक्ताओं ने शामिल होकर समलैंगिता को मान्यता देने की तत्परता के प्रति अपना रोष व्यक्त किया।

#KAMAL KANT SHARMA/ BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com

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