बच्चों को लगी नहीं है वैक्सीन, स्कूली बच्चों के लिए सरकारी गाइडलाइन भी नहीं
फैलते कोरोना में स्कूलों में बिगड़े हालात तो कौन होगा जिम्मेवार
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com
बीकानेर। कोरोना के फैलते संक्रमण के बीच बच्चों का स्कूल जाना निरंतर जारी है। ज्यादातर स्कूली बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लग पाई है। ऐसे में कोरोना की वजह से स्कूलों में हालात बिगड़े तो उसका जिम्मेवार कौन होगा?
गौरतलब है कि पिछले दस-बारह दिनों से जिले में कोरोना संक्रमित रोगी रोजाना सामने आ रहे हैं। दिन-प्रतिदिन कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। जिले में कोरोना संक्रमित चार रोगियों की मौत भी हो चुकी है। वहीं चिकित्सा विशेषज्ञों ने मई माह के मध्य तक कोरोना की इस लहर का पीक आने की घोषणा भी कर रखी है। अभी तक जिले में जो भी कोविड संक्रमित रोगी सामने आए हैं, उनमें से तकरीबन सभी को वैक्सीन की दोनों खुराक लग चुकी थी। बावजूद इसके भी वो लोग कोविड वायरस ओमीक्रॉन के नए सब वैरियंट एक्सबीबी 1.16 से संक्रमित हो गए।
विशेषज्ञों का भी यही कहना है कि ओमिक्रॉन के नए संब वैरियंंट एक्सबीबी 1.16 के लिए वैक्सीन भी कम असरकारक साबित हो रही है। ऐसी स्थिति में स्कूली बच्चों (बिना वैक्सीन लगे) को इस महामारी से बचाये रखना ही प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए। लेकिन हैरानी की बात है कि अभी तक स्कूली बच्चों के लिए सरकार ने किसी भी प्रकार की ना तो कोई गाइडलाइन जारी की है और ना ही कोई एसओपी तैयार की है। कुछ जागरूक लोगों का कहना है कि ऐसे हालातों में अगर कोविड महामारी का संक्रमण स्कूलों में फैल गया तो नुकसान होने की आशंका बहुत ज्यादा होगी।
कुछ अभिभावकों का मानना है कि अब अप्रेल माह में लगभग सभी स्कूलों में पिछला सत्र संपन्न हो गया है और नया सत्र चल रहा है। 15 मई के आस-पास से स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो जाएगा। अभी कोरोना महामारी का फैलाव जारी है तो ऐसी स्थिति में स्कूलों में अवकाश घोषित कर देना चाहिए। जब कोविड संक्रमण कम होने लगे तब स्कूलों को दोबारा शुरू किया जा सकता है।
जागरूक लोगों का यह भी कहना है कि दिल्ली में कोरोना की वजह से बिगड़ते हालात को देखते हुए केन्द्र सरकार ने वहां के स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है लेकिन यहां की सरकार अभी अपने मामलों में उलझी नजर आ रही है। सरकार को कोविड महामारी के फैलाव को देखते हुए स्कूली बच्चों की सुध लेनी चाहिए और जल्दी ही गाइडलाइन जारी करनी चाहिए।