झूठे मामलों में फंसाकर वसूलते थे मोटी रकम
भीलवाड़ा पुलिस ने गिरोह का किया पर्दाफाश
जयपुर। वकील और पुलिस की मदद से चलाए जा रहे ‘हनी ट्रैप’ गैंग को भीलवाड़ा पुलिस ने पकड़ा है, जिसके बाद एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल, यह गंदा खेल वकीलों और पुलिस की मदद से अंजाम दिया जा रहा था। रुपयों के लालच में पुरुषों को फंसाकर मोटी रकम ऐंठने में वकील और पुलिस बिचौलिए की भूमिका निभाते थे। इसके बाद बंदरबांट कर सभी को राशि का हिस्सा मिलता था। शिकार को फंसाने के लिए जरूरतमंद महिलाएं गैंग में शामिल थीं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भीलवाड़ा पुलिस ने एक सरकारी टीचर की शिकायत पर हनी ट्रैप को अंजाम देने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में तीन महिलाओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने सरकारी टीचर को हनी ट्रैप का शिकार बनाकर एक लाख दस हजार रुपए ऐंठे थे। गिरोह से पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गैंग वकीलों और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से हनी ट्रैप का खेल कर रही थीं। गैंग की महिलाओं ने पुलिस को बताया है कि हनी ट्रैप के शिकार व्यक्ति पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए पुलिस थाने में केस दर्ज करवाते थे। इसके बाद पुलिस और वकील बिचौलिए की भूमिका निभाते।
बिचौलिए बनकर उस पीडि़़त व्यक्ति से बात करते और उसे डरा-धमकाकर समझौता करने के लिए राजी करते। मुकदमे में जेल जाने और समाज में बदनामी होने के डर से व्यक्ति समझौता करने के लिए राजी हो जाता था। उससे मोटी रकम लेकर मुकदमे में एफआर लगा दी जाती थी। इस चौंकाने वाले खुलासे ने दोनों पेशों से जुड़े लोगों को दागदार किया है। पकड़ी गई आरोपी महिलाओं ने पुलिस को जानकारी दी है कि पीडि़त से मिलने वाली रकम की बंदरबांट पुलिस से लेकर वकील और गैंग के सदस्यों में होती थी।
गैंग अमीर व्यक्तियों को ही हनी ट्रेप का शिकार बनाते थे। इसके लिए गैंग के सभी सदस्य शिकार पर नजर रखते थे। उसके बाद ही साजिश रचकर वारदात को अंजाम देते थे। इस गिरोह ने उद्योगपति, डॉक्टर, टीचर, कारोबारी, प्रॉपर्टी डीलर समेत कई लोगों को शिकार बनाया है।
6 मुकदमों में करवाया समझौता
भीलवाड़ा के सुभाषनगर थानाप्रभारी नंदलाल रिणवां के अनुसार मांडलगढ़, जहाजपुर, सदर, प्रताप नगर समेत कई थानों में बलात्कार के छह मुकदमे दर्ज हुए थे, जिनमें बाद में समझौता हुआ। बलात्कार में परिवाद की फेहरिस्त काफी लंबी बताई है। सामने आया कि गैंग ने एक बिजनेसमैन के खिलाफ भीमगंज थाने में रिपोर्ट दी थी। उस केस में वकील और पुलिसकर्मी ने समझौता करवाया। मोटी रकम की बड़ी डील तय हुई और फिर मामला रफा-दफा कर दिया।