आतंकवादियों से गांव को मुक्त करवाने, ग्रामीण को सुरक्षित बचाने का किया अभ्यास
डॉग स्क्वायड और अत्याधुनिक तकनीकों के साथ सैनिकों का दिखा पराक्रम
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com
बीकानेर। भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाओं के बीच बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में चल रहे द्विपक्षीय प्रशिक्षण अभ्यास ‘ऑस्ट्राहिंद-22’ में आज आतंकवादियों के कब्जे से गांव को मुक्त कराने, ग्रामीणों को सुरक्षित बचाने की ड्रिल अत्याधुनिक तकनीकों और हथियारों के साथ की गई।। पिछले 14 दिनों से चल रहे इस युद्धाभ्यास का रविवार को समापन होगा।
यूनाइटेड नेशन के जनादेश के अनुसार भारत और ऑस्ट्रेलिया ने हर वर्ष संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास करने का फैसला किया है। जिसकी पहली कड़ी के तहत ट्रेनिंग एक्सरसाइज भारत में शुरू हुई है। इसकी तय रूपरेखा के तहत यह युद्धाभ्यास दोनों देशों में बारी-बारी से होगा, यानी एक वर्ष भारत में तो दूसरे वर्ष ऑस्ट्रेलिया में। डोगरा रेजीमेंट के ब्रिगेडियर एसपीएस रावत ने बताया कि ‘ऑस्ट्राहिंद -22’ में ऑस्ट्रेलिया की 13वीं ब्रिगेड के सैकेंड डिवीजन के 60 सैनिक और भारत की डोगरा रेजीमेंट के 60 जवान युद्धाभ्यास कर रहे हैं। आधुनिक तकनीक और हथियारों के साथ दोनो देशों के सैनिकों ने एकीकृत प्रणाली के तहत एक दूसरे की टेक्टिस, संरचनात्मक ढांचे, युद्ध की प्रक्रियाओं, अनुभव और प्रशिक्षण को प्राप्त किया है। इस युद्धाभ्यास के दौरान डॉग स्क्वायड, अत्याधुनिक उपकरण और डिवाइसेज का भी उपयोग आतंकवाद से निपटने के लिए किया गया।
वहीं आस्ट्रेलिया की तेरहवीं ब्रिगेड की सैकेंड डिवीजन के कंपनी कमांडर निकोलस रूटीन ने बताया कि ‘ऑस्ट्राहिंद-22’ युद्धाभ्यास का उद्देश्य दोनो देशों के बीच सकारात्मक सैन्य संबंध बनाना, एक-दूसरे की उत्कृष्ट प्रक्रियाओं को अपनाना और अर्ध-रेगिस्तानी इलाके के कई क्षेत्रों में अभियान चलाते वक्त एक साथ काम करने की क्षमता को बढ़ाना है। यह संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देने के अलावा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा।
युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के जवानों ने विभिन्न दूरियों से अपना निशाना भी साधा। साथ ही दोनों देशों के सैनिकों द्वारा उपयोग में लिए जा रहे आधुनिक हथियारों और उपकरणों को प्रदर्शित भी किया गया।