गुटखे की मनुहार पड़ सकती है भारी, बन सकते हैं एमडी के तलबगार

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Gutkha's appeal can be heavy, can become MD's seeker

शहर में तेजी से बढ़ रहा एमडी का अवैध कारोबार

मादक पदार्थ तस्कर हर गली-मोहल्ले में अपने गुर्गों से करवा रहे हैं नशीला कारोबार

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com

बीकानेर। शहर में गुटखा चबाने के शौकिनों को गुटखा मनुहार भारी पड़ सकती है। ये मनुहार उन्हें एमडी जैसे जहरीले नशे का तलबगार बना सकती है। ऐसे में अब गुटखा के तलबगारों को भी सजग रहने की बहुत जरूरत है।


जानकारों की माने तो एमडी का कम समय में शहर में बहुत बड़ा नेटवर्क फैल गया है। इस नेटवर्क फैलने के पीछे सबसे बड़ा कारण इसका गुटखा के साथ उपयोग होना है। ऐसे में गुटखा चबाने वालों को फ्री की गुटखा मनुहार से बचने की बहुत जरूरत है।


जानकारी के मुताबिक एमडी का नशा मानव मस्तिष्क को बुरी तरह से प्रभावित करता है। ऐसे में मादक पदार्थों में यह सबसे खतरनाक नशा है। जिसका दो-तीन दिन नियमित उपयोग करने पर ही इसका व्यक्ति तलबगार हो जाता है। गुटखे के साथ मिश्रण होने से एमडी का नेटवर्क सुगमता से स्थापित हुआ है। जिस पर सभी को मिलकर अंकुश लगाने की जरूरत है। एमडी ड्रग्स को गुटखे के साथ मिलाकर खिलाया जाता है। ऐसे में गुटखा चबाने वाले एमडी की चपेट में आ रहे हंै। एमडी जैसे जानलेवा नशे को नियंत्रित करने के लिए सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे।

इस नशे के काले कारोबार को रोकने के लिए पुलिस को अपनी महती भूमिका निभानी होगी। वहीं आमजन को भी जागरूक होकर पुलिस प्रशासन का सहयोग करना होगा। शहर के भुट्टों का बास, हनुमान हत्था क्षेत्र, भगवानपुरा, चौधरी कॉलोनी, गंगाशहर, रामदेव नगर, सूर्य कॉलोनी, मुरलीधर व्यास कॉलोनी, बंगला नगर, रामपुरा, इन्द्रा कॉलोनी, सुभाषपुरा, पुलिस लाइन चौराहा, सर्वोदया बस्ती, प्रताप बस्ती, शिवा बस्ती, एमपी कॉलोनी, जेएनवी कॉलोनी, शिवबाड़ी क्षेत्र, पवनपुरी सहित ऐसे बहुत से इलाकों में गली-मोहल्लों में लगे ठेलों पर नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं। कई क्षेत्रों में चाय और पान मसाला के खोखों पर भी एमएमडी, गांजा-जोइंट जैसे नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं।

किशोरों की लिप्तता है चिंता की बात


गली-मोहल्लोंं में गांजा, एमएमडी, अफीम आदि की खरीद-फरोख्त में किशोरों की लिप्तता बड़े पैमाने पर देखी जा रही है। किशोर पैसा कमाने के लालच में इस कारोबार से जुड़ते जा रहे हैं और धीरे-धीरे इनकी लत पाल रहे हैं। बड़े पैमाने पर किशोरों की इस लिप्तता समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

पुलिस बरते सख्ती तो लग सकता है अंकुश


नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को सख्ती बरतनी होगी। जागरूक लोगों के अनुसार पुलिस को अपने मुखबिर तंत्र को मजबूत करना चाहिए। साथ ही गली-मोहल्लों में बाइक के जरिए प्रभावी गश्त की व्यवस्था करनी चाहिए। प्रत्येक मोहल्ले में पुलिस फ्रेंडली लोगों से समन्वय बनाना चाहिए। हेल्पलाइन नंबर जारी कर लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे उस नंबर पर नशीले पदार्थों की खरीद-फरोख्त की जानकारी देंवे, साथ ही जानकारी देने वाले लोगों के नाम गोपनीय रखे जाने का सशक्त आश्वासन दिया जाना चाहिए।

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