हफ्ते में इस दिन अपराधी भी रहते हैं ‘छुट्टी’ पर
पिछले पांच वर्ष के अपराधों के आंकड़े किए गए जारी
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com
बीकानेर। राजस्थान पुलिस की तरफ से वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक के राजस्थान में दर्ज एफआईआर या कहें कि घटित अपराधों के आंकड़े जारी किए गए हैं। इन आंकड़ों में कुछ चौंकाने वाली बातें भी सामने आई हैं, जैसे कि वर्ष के 12 महीनों में छह महीनों तक अपराधों का ग्राफ उच्च स्तर पर चला जाता है। वहीं हफ्ते के दिनों की बात करें तो वीकेंड पर अपराध नहीं होता है। पुलिस की तरफ से यह तक आंकड़े जारी किए गए हैं कि महीने में कौन से दिन ज्यादा आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया जाता है।
इन 6 महीनों में होता है ज्यादा अपराध
राजस्थान पुलिस के जारी अपराधों के ग्राफ को देखने पर पता चलता है कि प्रदेश में पर्यटन सीजन के महीनों में अपराध कम हो जाते हैं। प्रदेश में मुख्य पर्यटन सीजन अक्टूबर से जनवरी या फरवरी तक रहता है। यहां बड़ी तादाद में पर्यटक आते हैं। इस समय अपराधों का ग्राफ गिर जाता है। वहीं मई से अपराधों का ग्राफ बढऩा शुरू हो जाता है। यह बढ़ता-बढ़ता जुलाई महीने में सबसे ज्यादा स्तर पर पहुंच जाता है। वहीं इसके बाद गिरना शुरू होता है और अंतिम अक्टूबर तक रेड लाइन के ऊपर रहता है और नवम्बर में नीचे गिर जाता है।
छुट्टियों के समय नहीं होते हैं अपराध
महीनों के बाद अब हफ्ते में कौनसे दिन अपराध ज्यादा होते हैं उन पर नजर डाल लेते हैं। प्रदेश में सोमवार से शुक्रवार तक अपराधों का ग्राफ रेड लाइन के ऊपर होता है। इसके बाद शनिवार आते ही ग्राफ नीचे गिर जाता है और रविवार को भी नीचे ही रहता है। यानी प्रदेश में छुट्टियों के दिनों में अपराध घटित नहीं होता है। इसका एक उदाहरण यह भी है कि नवम्बर और दिसंबर में साल में सबसे कम अपराध होते हैं क्योंकि इन दोनों महीनों में भी छुट्टियां काफी होती हैं। छुट्टियों पर अधिकतर लोग घर पर ही रहते हैं और कुछ ही छुट्टियों पर बाहर का प्लान बनाते हैं।
अपराधों का गढ़ है राजधानी जयपुर
प्रदेश में पिछले 6 साल में 4 नवम्बर, 2022 तक करीब 15.67 लाख एफआईआर दर्ज की गईं, जिसमें से 94.02 प्रतिशत मामलों का निस्तारण हो चुका है। अपराधों के मामले में राजधानी जयपुर अव्वल है। यहां प्रदेश के कुल अपराधों का 18.4 प्रतिशत अपराध हुआ है। इसी प्रकार दूसरे नम्बर पर अजमेर 12.6 प्रतिशत फिर उदयपुर 11.6 प्रतिशत, भरतपुर 10.8 प्रतिशत, बीकानेर 10 प्रतिशत और जोधपुर में 9.6 प्रतिशत अपराध हुआ है।