प्रदेश में मनरेगा घोटाला ! गहलोत के मंत्री ने करोड़ों रुपए की हेराफेरी का किया दावा

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MNREGA scam in the state! Gehlot's minister claimed misappropriation of crores of rupees

अधिकारियों की मिलीभगत से घोटाला किए जाने का दावा

तकरीबन 300 करोड़ रुपए के घोटाले का है अंदेशा

बीकानेर। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री रमेशचंद मीणा ने कहा है कि नागौर जिले में मनरेगा के तहत 80-100 करोड़ रुपए और बाड़मेर में करीब 150-200 करोड़ रुपए की हेराफेरी का अंदेशा है। उन्होंने कहा कि दोनों जिलों में तकरीबन 300 करोड़ रुपए की अनियमितताओं का अनुमान लगाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने जैसलमेर जिले में भी ऐसे मामलों की पहचान होने का दावा किया है।


जयपुर बैठे सूत्रों के अनुसार ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री रमेशचंद मीणा ने वहां कहा है कि मनरेगा के काम में इन अनियमितताओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया जाएगा। बताया जा रहा है कि जूनियर लेवल के अधिकारियों की मिलीभगत से वरिष्ठ अधिकारी और इंजीनियर इस तरह की अनियमितताओं में शामिल थे। भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों और अन्य लोगों को किसी भी सूरत में बख्सा नहीं जाएगा। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मीणा ने कहा है कि नागौर जिले के अधिकारियों के अनुसार लगभग 1100 तालाब विकसित किए गए हैं। लेकिन वे असली संख्या छिपा रहे हैं। यह घोटाला है। इसकी जांच सरकार उच्च स्तरीय जांच कमेटी से करायेगी। वास्तविक आंकड़े जांच के बाद ही सामने आएंगे।

उन्होंने कहा कि जिले में एफटीओ (फंड ट्रांसफर ऑर्डर) 200 करोड़ रुपए से अधिक है। इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि अनियमितता का पैमाना बहुत बड़ा होगा। इस तरह की अनियमितताएं सालों से चल रही हैं और कलेक्टरों और इंजीनियरों ने इन पर आंखें बंद कर रखी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तालाबों के निर्माण (व्यक्तिगत गतिविधियों के तहत) से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी, दिव्यांग, एकल महिलाओं और गरीबों को लाभान्वित नहीं किया गया है, गरीबों की अनदेखी की गई है।


विश्वस्त सूत्रों के अनुसार बाड़मेर जिले में पांच साल में 1.38 लाख तालाब बनाए गए हैं। इसके साथ ही अनुमान लगाया जा रहा है कि पांच साल में नागौर में करीब 50,000 से 55,000 तालाब बनाए गए हैं। मीणा ने कहा कि ‘एक तो इन जिलों में नकली लेबर पेमेंट किए गए हैं। दूसरा जिस तरह से व्यक्तिगत श्रेणी के लिए 3.79 लाख रुपये का पेमेंट किया गया है, हालांकि काम जमीन पर नहीं दिखता है।’

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com

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